घबड़ाना तथा शिकायत करना, अज्ञान और आध्यात्मिक अन्धकार के निश्चित चिह्न हैं।
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जब तक आदमी रुचियों और अरुचियों को अवसर देता है, ठीक तब तक उसका आत्मा स्वतन्त्रता से अपरिचित ही रहता है।