कृतज्ञता प्रकाशन

May 1942

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अनेक सहृदय और विचारवान सज्जनों ने केवल निःस्वार्थ भाव से अखण्डज्योति की सहायता एवं सद्विचारों के प्रचार को कर्तव्य धर्म समझकर ग्राहक बढ़ाने में सहायता की है। इन महानुभावों का अखण्ड ज्योति हृदय से अभिवादन करते हुए कृतज्ञता प्रकट करती है एवं अन्य सज्जनों से आशा करती है कि ग्राहक बढ़ाने का प्रयत्न करके अखंड-ज्योति के महान मिशन की पूर्ति में सहायता करे।

नाम कितने ग्राहक बने

श्री भजनसिंह वर्मा, मारवाड़ जंक्शन 4

श्री मदनलाल शर्मा, मदन गंज, 2

श्री रतनचंद मनीलालजी, पालनपुर 4

श्री मुन्शीलाल गुप्ता, हिसार 3

पं॰ हृदयनारायण अवस्थी, कंचौसी 2

नाम कितने ग्राहक बने

श्री रामप्रसाद सिंह जी सिसहनी, गोडा 2

पं॰ जी॰ एम॰ शर्मा नैरोबी, अफ्रीका 2

श्री मोहनलाल मोहित सेन्ट पेयर,

मौरीसस द्वीप 2

पं॰ मन्नालाल शर्मा, बदनाबर 2

श्री जी॰ एन॰ सोलंकी, राजपुर 4

रसो वै सः


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