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Akhand Jyoti
Year 1963
Version 2
तुम दीपक...
तुम दीपक से जलते जाओ (कविता)
January 1963
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Page Titles
तुम दीपक से जलते जाओ (कविता)
मानव जीवन और ईश्वर-विश्वास
Quotation
एक प्रसिद्ध संन्यासी
प्रेम ही परमेश्वर है
देवों और असुरों में घोर युद्ध
हम जीवन विद्या भी सीखें
Quotation
तप और त्याग की आवश्यकता
सशर्त सहायता
नम्रता ही सभ्यता का चिन्ह
अवतार कब होगा?
अविवेक और असंयम भी
श्रम से ही जीवन निखरता है।
स्वामी दयानन्दजी
हम किसी से भी न डरें।
कुएं ने शिकायत करते हुए समुद्र से कहा
दाम्पत्य जीवन की सफलता के लिए
महात्मा ईसा
दीर्घ जीवन का रहस्य
सर्व सम्पन्न श्रावस्ती नगर में भयंकर अकाल पड़ा
नारी को समुन्नत किया जाए
भाग्यवाद और पुरुषार्थवाद
स्वामी विवेकानन्द
विचार और व्यवहार
एक प्रसिद्ध सन्त
बालकों के निर्माण का आधार
भारतमाता की स्वाधीनता और प्रतिष्ठा के लिए
आगामी साढ़े आठ वर्ष
Quotation
आन्तरिक शत्रुओं से भी लड़ा जाए
हम कर्तव्य पालन में चूक न करें
Quotation
ईश्वर पर विश्वास
Quotation
कृतज्ञता
शुद्धि का साधन
अपने लिये कम
विजय या मौत (कविता)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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