भावभरे पुरुषार्थ के लिए विशेष आह्वान

June 2000

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इन दिनों देश्या के पश्चिमी प्राँतों में कई जगह भयावह सूखे की स्थिति पैदा हो गई। है। कालसर्प योग से लेकर अनेकानेक अंतर्ग्रही प्रभावों ने इस संवत्सर की स्थिति बड़ी कष्टकारी बना दी है। इस बार भी राहत कार्य के लिए प्रत्यक्ष सेवा-सहायता के साथ-साथ गाय? परिवार द्वारा विशिष्ट आध्यात्मिक-साधनात्मक प्रयोगों की रूपरेखा बनाई गई है। राहत सामग्री की कमी नहीं है। कमी है तो कर्मठ, प्रामाणिक चुस्त स्वयंसेवकों की । सरकारी व गैरसरकारी प्रयास प्रभावी हो सकें, इसके लिए परिजनों को कमर कसकर तैयार होना होगा, विशेषकर राजस्थान व गुजरात में। अस्थायी गोशालाएँ, पशुशालाएँ एवं चारा-भंडार स्थान-स्थान पर बने हैं। उनसे संपर्क स्थापित कर उनकी आपूर्ति बनाए रखने का परिजन प्रयास करें, प्रामाणिक व्यक्तियों तक सहायता पहुँचाने में मदद करें। वरुण आवाहन तथा वरुण प्रार्थना के साथ वरुण गायत्री मंत्र का जप एवं दीपया का क्रम चलाने के लिए पाक्षिक व परिपत्र के माध्यम से संकेत परिजनों को पहले ही दे दिया गया है। यह प्रयोग 45 मिनट से एक घंटे में न्यूनतम साधनों से कहीं भी किया जा सकता है। इसके संबंध में विस्तार से 1 व 15 मई का पाक्षिक पढ़ें।


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