प्रज्ञा परिजनों के लिए सात प्रतिबंध

June 2000

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दद्यद्गद्मद्बह्व द्धस्रज्ह्ड्ट

ह्लख्ह्व 1942 द्गह्यड्ड ह्लष् द्बख्ञ्ज; फ्ह्न:ठ्ठह्यश क्द्धह्वद्धज्श्चह् स्रद्मब् स्रह्य द्धब्, द्धद्दद्गद्मब्;&;द्म=द्म द्बद्भ ह्लद्म द्भद्दह्य स्नद्मह्य क्द्मस्द्भ शड्डठ्ठह्वद्ध;द्म द्गद्मह्द्मह्लद्ध ह्वह्य च्च्द्ध द्गस्नद्मह्नद्भद्म हृद्मह्यरु+स्रद्भ 'द्मद्मड्डद्धह्स्रह्नड्डह्ल द्दद्धद्भत्त्द्मद्भ द्गह्यड्ड द्भद्दह्वह्य स्रद्म द्धह्व.र्द्मं; द्धस्र;द्म स्नद्मद्म] द्वद्य द्यद्ग; द्बख्ञ्ज; फ्ह्न:ठ्ठह्यश ह्वह्य क्द्बह्वह्य क्ह्वह्न;द्मद्ध;;द्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, द्यद्मह् क्द्धह्वशर्द्म; द्बभ्द्धह्ष्ड्ड/द्म ?द्मद्मह्यद्ध"द्मह् द्धस्र, स्नद्मह्य्न द्वद्दह्यड्ड ;ह्नफ् द्धह्वद्गर्द्मं.द्म द्गद्मद्धद्यस्र द्गह्यड्ड च्च्द्ध द्बभ्स्रद्मद्धज्द्मह् द्धस्र;द्म फ्;द्म स्नद्मद्म ह्स्नद्मद्म क्ब्फ् द्यह्य द्बभ्द्ब= हृद्बशद्मस्रद्भ च्च्द्ध द्धशह्द्धद्भह् द्धस्र, फ्, स्नद्मह्य्न द्य॥द्मद्ध द्बभ्द्धह्ष्ड्ड/द्म द्वद्यद्ध :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड ;द्दद्मँ द्धठ्ठ, ह्लद्म द्भद्दह्य द्दस्ड्ड] ष्ठ;द्मह्यड्डद्धस्र द्वद्दह्यड्ड क्द्धह्वशर्द्म; क्ह्वह्नज्द्मद्मद्यह्वद्मह्यड्ड स्रह्य :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड ह्लह्व&ह्लह्व ह्स्र द्बद्दँह्नश्चद्मह्वह्य द्यह्य द्दद्ध द्ग;र्द्मंठ्ठद्मद्दद्धह्वह्द्म ,शड्ड ॥द्मंकस्रद्मशद्मह्यड्ड द्यह्य ष्श्चद्म ह्लद्म द्यस्रह्द्म द्दस््न द्यह्व− 1942 स्रह्य ष्द्मठ्ठ द्बख्ञ्ज; फ्ह्न:ठ्ठह्यश ,शड्ड शड्डठ्ठह्वद्ध;द्म द्गद्मह्द्मह्लद्ध त्त्द्मद्भद्म रुस्नद्मख्ब् ठ्ठह्यद्द क्र;द्मफ् ह्स्र स्रद्ध स्रद्मब् क्शद्ध/द्म द्गह्यड्ड द्वष्ठह् क्ह्वह्नज्द्मद्मद्यह्वद्मह्यड्ड स्रह्य रुश:ढ्ढद्म द्गह्यड्ड ह्लद्मह्य रुशद्म॥द्मद्मद्धशस्र द्बद्धद्भशह्ह्व द्दह्न, द्दस्ड्ड] द्वद्दह्यड्ड क्ब्फ् द्यह्य द्धंकढ्ढद्बद्ध.द्म;द्मँ ठ्ठह्यस्रद्भ रुद्ब"क द्धस्र;द्म फ्;द्म द्दस््न ह्वस्द्ध"क्चस्र द्बद्धद्भह्लह्वद्मह्यड्ड स्रद्मह्य ड्ढह्व द्बद्भ [द्मद्मद्य /;द्मह्व ठ्ठह्यह्वद्म श्चद्मद्धद्द, ह्स्नद्मद्म ड्ढद्य द्यड्डठ्ठ॥र्द्मं द्गह्यड्ड द्बख्द्भद्ध ह्लद्मफ्:स्रह्द्म ष्द्भह्ह्वद्ध श्चद्मद्धद्द, द्धस्र ड्ढह्वस्रद्म द्वंघब्ड्ड?द्मह्व द्धस्रद्यद्ध ॥द्मद्ध म्द्मह्य= द्गह्यड्ड ह्व द्धस्र;द्म ह्लद्म, क्द्मस्द्भ ह्व स्रद्भह्वह्य द्धठ्ठ;द्म ह्लद्म,्न द्बख्ञ्ज; फ्ह्न:ठ्ठह्यश त्त्द्मद्भद्म रुस्नद्मद्मद्धद्बह् क्ह्वह्नज्द्मद्मद्यह्वद्मह्यड्ड स्रद्ध ह्लद्मह्वस्रद्मद्भद्ध स्रह्य क्॥द्मद्मश द्गह्यड्ड द्दद्ध ह्लह्वह्द्म ॥द्मभ्द्धद्गह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस्] ,ह्यद्यद्ध द्धरुस्नद्मद्धह् ;स्नद्मद्मज्द्मद्धष्ठह् ह्व क्द्मह्वह्य ठ्ठद्ध ह्लद्म,्न

द1ड्ट द्यड्डफ्क्चह्व & ;ह्नफ् द्धह्वद्गर्द्मं.द्म क्द्मड्डठ्ठद्मह्यब्ह्व स्रह्य द्दद्भ द्यठ्ठरु; क्द्मस्द्भ द्दद्भ 'द्मद्म[द्मद्म स्रद्म द्यद्ध/द्मद्म द्यड्डष्ड्ड/द्म स्रह्यड्डठ्ठभ् द्यह्य द्भद्दह्य्न म्द्मह्य=द्ध;] द्बभ्द्मड्डह्द्ध; द्यड्डफ्क्चह्व क्ब्फ् द्यह्य [द्मरु+ह्य ह्व द्धस्र, ह्लद्म,] द्बद्भरुद्बद्भ द्यद्द;द्मह्यफ् स्रद्भह्वद्म ठ्ठख्द्यद्भद्ध ष्द्मह् द्दस्] द्बद्भ ,ह्यद्यह्य द्ग/;शह्द्ध द्यड्डफ्क्चह्व क्द्मद्गह्द्मस्द्भ द्यह्य ह्र;द्धष्ठह्फ्ह् द्गद्दनशद्मस्रद्मड्डम्द्मद्म स्रद्ध द्बख्द्धह् क्द्मस्द्भ स्रड्डह्यठ्ठभ् द्यह्य द्बभ्द्धह्त्त्ड्डद्धत्त्ह्द्म स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्दद्ध ष्ह्वह्ह्य द्दस््न ड्ढह्व द्बभ्;द्मद्यद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्बख्.र्द्मंह्त्न द्धह्व:क्रद्यद्मद्धद्दह् द्धस्र;द्म ह्लद्म,्न स्रह्यड्डठ्ठभ् स्रद्मह्य द्दद्ग ड्ढह्ह्वद्म द्यद्गस्नर्द्मं ष्ह्वद्म, ह्लद्म द्भद्दह्य द्दस्ड्ड] ॥द्मद्धश"; द्गह्यड्ड ष्ह्वद्मह्ह्य द्भद्दह्यड्डफ्ह्य द्धस्र शद्द ॥द्मद्मद्भह् स्रद्म द्दद्ध ह्वद्दद्धड्ड द्यद्गरुह् द्धशज्श स्रद्म ,स्र रुस्नद्मद्मह्व द्यह्य द्यद्गह्नद्धश्चह् द्यख्=&द्यड्डश्चद्मब्ह्व स्रद्भ द्यस्रह्यड्ड्न ;द्द रुस्नद्मद्मह्व 'द्मद्मड्डद्धह्स्रह्नड्डह्ल द्दद्धद्भत्त्द्मद्भ ,शड्ड फ्द्म;=द्ध ह्द्बद्मह्य॥द्मख्द्धद्ग द्गस्नद्मह्नद्भद्म स्रह्य :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड द्धशद्धह्वद्धर्द्गंह् द्धस्र, फ्, द्दस््न

क्रद्मष् द्यह्य क्ष् ह्स्र क्द्बह्वह्य द्धद्गज्द्मह्व स्रह्य क्ह्वह्न;द्मद्ध;;द्मह्यड्ड स्रद्ध द्यड्ड[;द्म ष्द्दह्नह् ष्<+ फ्ड्ढ द्दस््न द्यड्डफ्क्चह्व स्रद्ध ह्द्गद्मद्ग म्द्मह्य=द्ध; ड्ढस्रद्मड्ढ;द्मँ 'द्मद्म[द्मद्मक्द्मह्यड्ड] द्गड्डरुब्द्मह्यड्ड ,शड्ड द्बद्धक्चद्मह्यड्ड स्रह्य :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड रुस्नद्मद्मद्धद्बह् द्दद्मह्य फ्ड्ढ द्दस््न द्धक्तद्भ ॥द्मद्ध ;द्द ह्स्न; क्द्मह्ल ॥द्मद्ध क्द्बह्वद्ध ह्लफ्द्द द्धरुस्नद्मद्भ द्दस् द्धस्र स्रद्मह्यर्ड्ढं द्धस्रद्यद्ध स्रह्य क्/द्मद्धह्व ह्वद्दद्धड्ड द्दस््न द्यष्स्रद्मह्य स्रह्यड्डठ्ठभ् द्यह्य द्यद्ध/द्मद्म द्यड्डद्बर्स्रं ष्ह्वद्म, द्भ[द्मह्वह्य स्रद्म क्द्ध/द्मस्रद्मद्भ द्दस््न म्द्मह्य=द्ध; द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड क्द्मस्द्भ क्द्मशज्;स्रह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रह्य क्ह्वह्नद्यद्मद्भ द्बद्भरुद्बद्भ द्यद्द;द्मह्यफ् त्त्द्मद्भद्म द्यड्डफ्द्धक्चह् द्दद्मह्यस्रद्भ स्रर्द्म; स्रद्भह्वह्य शद्मब्द्ध ड्ढस्रद्मड्ढ;द्मँ छ्वह्य; स्रद्ध द्बद्म= स्रद्दद्ध ह्लद्मह्द्ध द्दस्ड्ड्न ह्लफ्द्द&ह्लफ्द्द द्यद्गस्नर्द्मं द्यद्द;द्मह्यफ्द्ध ह्ड्ड= ॥द्मद्भ [द्मरु+ह्य स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्बभ्;द्मद्य स्रद्भह्वद्म क्॥द्मद्ध"क द्दस््न

द2ड्ट फ्ह्न:ठ्ठद्धम्द्मद्म & द्यद्गस्नर्द्मं फ्ह्न:ठ्ठद्धम्द्मद्म ठ्ठह्य द्यस्रह्वह्य ;द्मह्यंग; क्॥द्मद्ध स्रद्मह्यर्ड्ढं क्द्बह्वद्म क्ह्वह्नश्चद्भ द्दद्ग ह्वद्दद्धड्ड हृद्मह्यरु+ द्यस्रह्य द्दस््न क्द्यद्गस्नर्द्मं ह्र;द्धष्ठह् ;द्द द्गद्दद्मह्व− द्वनद्मद्भठ्ठद्मद्ध;क्रश क्द्बह्वह्य स्रड्ड/द्मद्मह्यड्ड द्बद्भ द्वक्चद्म,फ्ह्य] ह्द्मह्य द्वह्वस्रद्ध स्रद्गद्भ कख्क ह्लद्म,फ्द्ध क्द्मस्द्भ ह्लद्मह्य द्वह्वस्रद्म क्द्मछ्व; ब्ह्यफ्द्म शद्द रुख्ष् ह्लद्म,फ्द्म्न ड्ढद्यद्धब्, ॥द्मद्धश"; द्गह्यड्ड फ्द्म;=द्ध द्गड्ड= स्रद्ध फ्ह्न:ठ्ठद्धम्द्मद्म ब्ह्यह्वद्ध क्द्मशज्;स्र द्दद्मह्य ह्द्मह्य ब्द्मब् द्गज्द्मद्मब् स्रह्य द्बभ्ह्द्धस्र स्रद्मह्य द्दद्ध फ्ह्न: ष्ह्वद्म;द्म ह्लद्म,्न द्वद्य द्यड्डरुस्रद्मद्भ&द्यड्डस्रंघद्ब स्रद्मह्य स्रद्मह्यर्ड्ढं ॥द्मद्ध ह्र;द्धष्ठह् स्रद्भद्म द्यस्रह्यफ्द्म] द्बद्भ शद्द रुशड्ड; फ्ह्न: ह्व ष्ह्वह्यफ्द्म्न

द्बख्ञ्ज; फ्ह्न:ठ्ठह्यश ष्द्दह्नह् रुद्ब"क स्रद्भ फ्, द्दस्ड्ड द्धस्र ह्लस्द्यह्य द्धद्य[द्मद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ट्टफ्भ्ड्डस्नद्म द्यद्मद्दष्ट्ट ह्स्नद्मद्म द्भद्म"कऊद्ध; रुश;ड्डद्यह्यशस्र द्यड्ड?द्म द्गह्यड्ड ट्ट/शह्लट्ट स्रद्मह्य द्दद्ध फ्ह्न::ढ्ढद्म द्गह्यड्ड रुशद्धस्रद्मद्भ द्धस्र;द्म फ्;द्म द्दस्] द्वद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ फ्द्म;=द्ध द्बद्धद्भशद्मद्भ&;ह्नफ् द्धह्वद्गर्द्मं.द्म क्द्ध॥द्म;द्मह्व स्रह्य क्ड्डर्ह्फ्ह् ट्टब्द्मब् द्गज्द्मद्मब्ट्ट स्रह्य द्बभ्ह्द्धस्र स्रद्मह्य द्दद्ध फ्ह्न::ढ्ढद्म द्गह्यड्ड द्गद्म;ह्द्म ठ्ठद्ध ह्लद्म,्न ;ह्नफ्ज्द्मद्धष्ठह् स्रह्य :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड क्शह्द्धद्भह् क्द्मद्धठ्ठ 'द्मद्धष्ठह् फ्द्म;=द्ध स्रद्ध ठ्ठद्धम्द्मद्म फ्ह्न:ह्नश स्रह्य ड्ढद्यद्ध द्बभ्ह्द्धस्र स्रह्य द्गद्म/;द्ग द्यह्य ठ्ठद्ध ह्लद्मह्द्ध द्भद्दह्यफ्द्ध्न ड्ढद्य द्यड्डठ्ठ॥र्द्मं द्गह्यड्ड ;द्द द्यख्= /;द्मह्व ठ्ठह्यह्वह्य ;द्मह्यंग; द्दस्ड्ड& द1ड्ट ठ्ठद्धम्द्मद्म फ्द्म;=द्ध द्गद्दद्मद्धशस्त्रद्म स्रद्ध ठ्ठद्ध ह्लद्म,फ्द्ध्न द2ड्ट शह्यठ्ठद्गद्मह्द्म&ठ्ठह्यशद्गद्मह्द्म फ्द्म;=द्ध स्रद्मह्य द्धशज्शद्गद्मह्द्म स्रह्य :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड द्यष्स्रह्य द्धब्, द्यह्नब्॥द्म ष्ह्वद्मह्वह्य शद्मब्ह्य ड्ढद्य ;ह्नफ् स्रह्य द्धशज्शद्मद्धद्ग= शह्यठ्ठद्गख्द्धह् ह्द्बद्मह्यद्धह्व"क्च ;ह्नफ्ट्ठद्ध"द्म द्बड्ड0 क्द्मश्चर्द्म; छ्वद्धद्भद्मद्ग 'द्मद्गर्द्मं ड्ढद्य द्धशस्त्रद्म स्रह्य क्द्मश्चर्द्म; द्दस्ड्ड्न छ्वत्त्द्मब्ह्नक्द्मह्यड्ड द्यख्म्द्ग ,शड्ड स्रद्मद्भ.द्म द्यनद्मद्म स्रद्म द्यड्डद्भम्द्म.द्म द्बभ्द्मढ्ढह् द्भद्दह्यफ्द्म क्द्मस्द्भ द्वद्दद्धड्ड स्रह्य द्बभ्द्म.द्म] ह्द्ब ,शड्ड द्बह्न.; स्रह्य क्ड्डज्द्म द्दद्ध छ्वत्त्द्मब्ह्नक्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्धठ्ठह्र; श्चह्यह्ह्वद्म स्रद्ध स्रब्द्ग ब्फ्द्मह्वह्य ह्लस्द्यह्य श्चद्गक्रस्रद्मद्भद्ध द्बद्धद्भ.द्मद्मद्ग द्वक्रद्बह्व स्रद्भह्यड्डफ्ह्य्न द3ड्ट रुस्नद्मख्ब् :ढ्ढद्म द्यह्य स्रर्द्गंस्रद्मड्डरु द्यड्डद्बह्व स्रद्भद्मह्वह्य शद्मब्ह्य&द्गड्ड= ठ्ठह्नद्दद्भशद्मह्वह्य शद्मब्ह्य द्बद्धद्भह्लह्व ड्ढद्य द्धश/द्मद्म द्गह्यड्ड ;द्मह्यफ्ठ्ठद्मह्व स्रद्भह्वह्य शद्मब्ह्य द्यश्वद्गद्मह्वह्वद्ध; द्यद्द;द्मह्यफ्द्ध ॥द्मद्भ स्रद्दह्य ह्लद्म,फ्ह्य्न

द3ड्ट ;ह्नफ्द्धह्वद्गर्द्मं.द्म द्यश्वद्गह्यब्ह्व श्चद्मद्दह्य द्धस्रह्ह्वह्य द्दद्ध द्धशज्द्मद्मब् ष्ठ;द्मह्यड्ड ह्व द्धस्र, ह्लद्म,] द्बद्भ द्वह्वस्रह्य द्यद्मस्नद्म ह्लह्नरु+ह्य फ्द्म;=द्ध ;य़ क्द्मद्गह्द्मस्द्भ द्यह्य 1 स्रह्नरु+ द्यह्य ष्रु+ह्य ह्व द्धस्र, ह्लद्मह्वह्य श्चद्मद्धद्द,्न ह्लद्दद्मँ स्रद्मह्यर्ड्ढं द्धशज्द्मह्य"द्म स्रद्मद्भ.द्म द्दद्मह्य] क्द्ध/द्मस्र ष्रु+द्म ;य़ स्रद्भह्वद्म क्द्धह्वशर्द्म; द्दद्मह्य ह्द्मह्य द्वद्यह्य स्रह्यड्डठ्ठभ् स्रद्ध द्धशज्द्मह्य"द्म रुशद्धस्रक्वद्धह् द्यह्य द्दद्ध द्धस्र;द्म ह्लद्म,्न ष्रु+ह्य ;य़द्मह्यड्ड स्रह्य ह्लद्दद्मँ ष्रु+ह्य ब्द्म॥द्म द्दस्ड्ड] शद्दद्मँ द्वह्वद्गह्यड्ड ष्रु+द्ध फ्रु+ष्द्धरु+;द्मँ ॥द्मद्ध ठ्ठह्य[द्मद्ध फ्ड्ढ द्दस्ड्ड्न ड्ढद्यद्धब्, ;द्द स्नद्मद्मह्यरु+ह्य स्रह्नड्डरु+द्मह्यड्ड स्रद्म द्ग/;शह्द्ध द्गद्मफ् क्द्बह्वद्मह्वद्म द्दद्ध ठ्ठख्द्भठ्ठद्धज्द्मह्द्म द्बख्.र्द्मं द्दस्ड्ड्न

;य़द्म;द्मह्यह्लह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्बद्धहृह्य द्बख्ञ्ज; फ्ह्न:ठ्ठह्यश स्रह्य स्रह्नहृ द्यह्नद्धह्वद्धज्श्चह् द्वठ्ठ−ठ्ठह्यज्; द्भद्दह्य द्दस्ड्ड] ह्लस्द्यह्य & द1ड्ट ;य़द्ध; य़द्मह्व ,शड्ड द्धशय़द्मह्व स्रद्मह्य ब्ह्नढ्ढह् द्दद्मह्यह्वह्य द्यह्य ष्श्चद्मस्रद्भ ह्लह्वद्मह्यद्ब;द्मह्यफ्द्ध ष्ह्वद्मह्वद्म द2ड्ट ;य़द्म;द्मह्यह्लह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्गद्म/;द्ग द्यह्य ह्लद्धशह्व स्रह्य ;य़द्ध; क्ह्वह्नज्द्मद्मद्यह्वद्मह्यड्ड स्रद्म ह्लह्वद्यद्मद्गद्म; स्रद्मह्य द्बद्धद्भश्च; ,शड्ड द्बभ्द्धज्द्मम्द्म.द्म ठ्ठह्यह्वद्म्न द3ड्ट ;य़द्मह्यड्ड स्रह्य द्यद्मस्नद्म ह्लह्वद्यश्वद्गह्यब्ह्व स्रद्भस्रह्य य़द्मह्व;य़ स्रह्य द्गद्म/;द्ग द्यह्य द्धशश्चद्मद्भ&यद्मड्डद्धह् स्रद्म द्धशरुह्द्मद्भ स्रद्भह्वद्म्न

रुद्मद्मद्गख्द्धद्दस्र ;य़द्म;द्मह्यह्लह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्वष्ठह् द्वठ्ठ−ठ्ठह्यज्;द्मह्यड्ड स्रद्ध द्बख्द्धह् ह्द्मह्य द्दद्मह्यह्द्ध द्भद्दह्द्ध द्दस््न ड्ढद्यद्धब्, द्बख्ञ्ज; फ्ह्न:ठ्ठह्यश ह्वह्य क्ड्डह्ह्त्न द्यद्गद्मह्ल स्रद्मह्य ;य़द्ध; द्बभ्ह्यद्भ.द्मद्म, ठ्ठह्यह्वह्य स्रह्य द्धब्, ठ्ठद्धद्ब;य़द्मह्यड्ड द्यद्धद्दह् द्यश्वद्गह्यब्ह्वद्मह्यड्ड स्रद्ध द्बद्धद्भद्बद्मंकद्ध श्चब्द्मह्वह्य स्रद्म द्धह्वठ्ठर्ह्यंज्द्म द्धठ्ठ;द्म्न ठ्ठद्धद्ब;य़द्मह्यड्ड त्त्द्मद्भद्म ;द्द द्वठ्ठ−ठ्ठह्यज्; स्रह्नड्डरुद्ध; ;य़द्मह्यड्ड स्रद्ध क्द्बह्यम्द्मद्म क्द्ध/द्मस्र द्बभ्॥द्मद्मशद्ध <ड्डफ् द्यह्य द्यड्डद्बह्व द्दद्मह्यह्ह्य द्दस््न स्रह्नड्डरुद्ध; ;य़द्मह्यड्ड स्रद्मह्य स्रह्यशब् द्यद्मद्गख्द्धद्दस्र द्यद्म/द्मह्वद्मक्द्मह्यड्ड स्रद्ध द्बख्.द्मर्द्मंद्दह्नद्धह् स्रह्य :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड द्यद्म/द्मस्रद्मह्यड्ड त्त्द्मद्भद्म क्द्बह्वह्य द्दद्ध द्यद्म/द्मह्वद्मह्यड्ड त्त्द्मद्भद्म द्यश्वद्बह्व स्रद्भह्वह्य स्रद्ध द्ग;र्द्मंठ्ठद्म शह्य रुस्नद्मद्मद्धद्बह् स्रद्भ फ्, द्दस््न ड्ढह्व क्ह्वह्नज्द्मद्मद्यह्वद्मह्यड्ड स्रद्मह्य /;द्मह्व द्गह्यड्ड द्भ[द्मस्रद्भ श्चब्ह्वह्य द्यह्य क्शद्मड्डहृह्वद्ध; द्बभ्द्धह्द्धय;द्मक्द्मह्यड्ड द्यह्य ष्श्चह्ह्य द्दह्न, ;य़द्ध; ह्लद्धशह्व&ठ्ठज्द्मह्व स्रद्म ब्द्म॥द्म ह्लह्व&ह्लह्व ह्स्र द्बद्दँह्नश्चद्म;द्म ह्लद्म द्यस्रह्यफ्द्म्न

द्ब्रद4ड्ट ;य़द्मश्चद्म;द्मह्यर्ड्डं स्रद्म क्ब्फ् द्बठ्ठ ह्व द्भद्दह्य्न ;ह्नफ् द्धह्वद्गर्द्मं.द्म द्यश्वद्गह्यब्ह्वद्मह्यड्ड द्यद्धद्दह् ह्लद्मह्य ;य़ द्दद्मह्यड्डफ्ह्य द्वह्वस्रद्म द्यख्म्द्ग :ढ्ढद्म द्गह्यड्ड द्दद्ग द्यड्डद्भम्द्म.द्म स्रद्भह्यड्डफ्ह्य्न द्धक्तद्भ ड्ढद्यस्रह्य द्धब्, द्धस्रद्यद्ध ;य़द्मश्चर्द्म; ष्भ्हद्म क्द्मद्धठ्ठ स्रद्ध ह्ल:द्भह् ह्व द्भद्दह्यफ्द्ध्न द्धह्लद्दह्यड्ड द्धशद्ध/द्म&द्धश/द्मद्मह्व क्चद्धस्र ह्द्भद्द क्द्मह्ह्य द्दद्मह्यड्ड द्वह्वद्गह्यड्ड द्यह्य स्रद्मह्यर्ड्ढं ॥द्मद्ध स्रक्वक्र; स्रद्मह्य द्बभ्द्यह्वह्द्मद्बर्ख्शंस्र स्रद्भद्म द्यस्रह्द्म द्दस््न

द5ड्ट ह्लब्;द्म=द्म] द्धशद्यर्ह्लंह्व क्द्मद्धठ्ठ स्रह्य ह्लह्नब्ख्द्यद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड फ्द्म;=द्ध द्गद्मह्द्म] ब्द्मब् द्गज्द्मद्मब् स्रह्य द्बभ्ह्द्धस्रद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्दद्ध द्यह्नद्यञ्जह्लद्म स्रह्य द्यद्मस्नद्म द्धह्वस्रद्मब्द्म ह्लद्म,्न ह्र;द्धष्ठह्;द्मह्यड्ड स्रद्म ह्लह्नब्ख्द्य ह्व द्धह्वस्रब्ह्य्न ड्ढद्य द्बभ्द्धह्ष्ड्ड/द्म द्यह्य क्ह्वद्मशज्;स्र क्द्दड्डस्रद्मद्भ ,शड्ड र्ड्ढं";र्द्मं] त्त्ह्य"द्म स्रद्मह्य द्बभ्छ्व; ह्व द्धद्गब्ह्यफ्द्म्न

द6ड्ट क्द्मज्द्मर्द्धंशद्मठ्ठ शद्भठ्ठद्मह्व ठ्ठह्यह्वह्य द्गद्मँफ्ह्वह्य स्रद्म द्धद्यब्द्धद्यब्द्म ह्र;द्धष्ठह्फ्ह् :ढ्ढद्म द्यह्य ह्व श्चब्द्म;द्म ह्लद्म,्न र्ड्ढंज्शद्भ क्द्मस्द्भ ह्र;द्धष्ठह् स्रह्य ष्द्धश्च द्गह्यड्ड स्रद्मह्यर्ड्ढं द्ग/;रुस्नद्म ह्व ष्ह्वह्यड्ड्न द्धह्लह्वद्गह्यड्ड द्यद्मद्गर्स्न; ह्वद्दद्धड्ड द्दस् शह्य ;द्धठ्ठ शद्भठ्ठद्मह्व&क्द्मज्द्मद्धशर्द्मंठ्ठ स्रद्म द्धद्यब्द्धद्यब्द्म श्चब्द्मह्ह्य द्दस्ड्ड ह्द्मह्य ;द्द ,स्र क्चफ्द्ध द्दद्ध द्दद्मह्यफ्द्ध्न द्दद्गद्मद्भह्य क्ह्वह्न;द्मद्ध;;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्यह्य स्रद्मह्यर्ड्ढं ,ह्यद्यद्म द्धद्गस्न;द्म द्बभ्ब्द्मह्य॥द्मह्व ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ठ्ठह्यस्रद्भ द्वद्दह्यड्ड ॥द्मभ्द्धद्गह् स्रद्भह्वह्य स्रद्म द्बभ्;क्रह्व ह्व स्रद्भह्य्न द्धह्लद्दह्यड्ड ॥द्मद्ध स्रद्दह्वद्म द्दद्मह्य शह्य द्गद्मह्द्म द्यह्य द्बभ्द्मस्नर्द्मंह्वद्म स्रद्भह्वह्य स्रद्ध ष्द्मह् ह्स्र द्दद्ध द्यद्धद्धद्गह् द्भद्दह्यड्ड्न

द7ड्ट ठ्ठद्मह्व ठ्ठद्धम्द्म.द्मद्म & ह्र;द्धष्ठह्फ्ह् :ढ्ढद्म द्यह्य स्रद्मह्यर्ड्ढं ठ्ठद्मह्व&ठ्ठद्धम्द्म.द्मद्म ह्व ब्ह्य्न द्धह्लद्दह्यड्ड क्द्मशज्;स्रह्द्म द्दस्ड्ड शह्य द्यड्ड?द्म स्रह्य द्गद्म/;द्ग द्यह्य ब्ह्यड्ड क्द्मस्द्भ द्धह्लद्दह्यड्ड ठ्ठह्यह्वद्म द्दद्मह्य शह्य ह्र;द्धष्ठह् स्रद्मह्य ह्व ठ्ठह्यस्रद्भ द्यड्ड?द्म स्रद्मह्य ठ्ठह्यड्ड्न ड्ढद्य द्बभ्स्नद्मद्म द्यह्य द्ध॥द्मम्द्मद्मशह्नद्धनद्म] द्बद्धद्भफ्भ्द्द] ठ्ठद्धह्वह्द्म] ह्ड्डफ्द्ध क्द्मद्धठ्ठ क्ह्वह्यस्र ठ्ठह्न"द्बभ्शक्वद्धनद्म;द्मँ द्बह्वद्बह्वह्य द्यह्य :स्र ह्लद्म,फ्द्ध्न

घद्मह्यफ् छ्वत्त्द्मद्बर्ख्शंस्र ह्लद्मह्य ठ्ठद्मह्व ठ्ठह्यह्यह्ह्य द्दस्ड्ड] द्वद्दह्यड्ड ब्द्मह्यस्रद्गड्डफ्ब् स्रह्य द्वठ्ठ−ठ्ठह्यज्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्दद्ध ब्फ्द्म;द्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न ह्र;द्धष्ठह्फ्ह् क्द्मशज्;स्रह्द्म&द्बख्द्धह् स्रह्य द्धब्, ठ्ठद्मह्व ब्ह्यह्वह्य स्रद्ध द्बड्डद्भद्बद्भद्म ह्वह्य द्दद्ध ब्द्मह्यस्रद्यह्यशस्रद्मह्यड्ड स्रद्मह्य छ्वत्त्द्म स्रह्य द्बद्म= स्रह्य रुस्नद्मद्मह्व द्बद्भ ठ्ठ;द्म स्रद्म द्बद्म= ष्ह्वद्म;द्म द्दस् क्द्मस्द्भ द्वह्वस्रद्ध द्यद्म/द्मह्वद्म&द्यठ्ठद्मज्द्म;ह्द्म द्बद्भ द्यह्य ब्द्मह्यस्रद्यह्यद्धश;द्मह्यड्ड स्रद्ध द्बभ्द्मद्गद्मद्ध.द्मस्रह्द्म ष्ह्वद्म, द्भ[द्मस्रद्भ ॥द्मद्ध द्धह्वशर्द्मंद्द स्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म द्यद्दह्ल द्दद्ध स्रद्ध ह्लद्म द्यस्रह्द्ध द्दस््न ड्ढद्य क्स्नर्द्मंद्बभ्/द्मद्मह्व ;ह्नफ् द्गह्यड्ड क्स्नद्मर्द्मंह्वह्नज्द्मद्मद्यह्व स्रह्य ड्ढद्य द्यख्= स्रद्मह्य द्धशज्द्मह्य"द्म ह्लद्मफ्:स्रह्द्म स्रह्य द्यद्मस्नद्म क्द्बह्वद्म;द्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न

,स्र ष्द्मद्भ द्भद्मह्लद्म ॥द्मद्मह्यह्ल स्रह्य ठ्ठद्भष्द्मद्भ द्गह्यड्ड द्यद्मह्यद्गठ्ठनद्म ह्वद्मद्गस्र ,स्र ष्भ्द्मह.द्म क्द्म;द्म क्द्मस्द्भ द्वद्यह्वह्य द्वञ्जह्लस्ह्व ह्वफ्द्भद्ध द्गह्यड्ड ॥द्मद्मफ्शह् स्रस्नद्मद्म स्रद्दह्वह्य स्रद्ध क्द्मय़द्म द्गद्मँफ्द्ध्न ॥द्मद्मह्यह्ल ह्वह्य स्रद्दद्म] ट्टट्टद्गद्दद्मद्भद्मह्ल! ञ्जद्मद्मड्ढ, स्रह्नहृ द्धठ्ठह्व ॥द्मद्मफ्शह् द्बद्मक्च स्रद्भस्रह्य क्द्मड्ढ,्नट्टट्ट द्य॥द्मद्मद्यठ्ठद्मह्यड्ड स्रद्मह्य ,ह्यद्यद्म ब्फ्द्म ॥द्मद्मह्यह्ल स्रद्ध /द्मर्द्गंष्ह्नद्धत्त् ह्द्मह्य ह्वद्दद्धड्ड द्यद्गद्मढ्ढह् द्दद्मह्य फ्ड्ढझ्र द्बद्भ शह्य स्रह्नहृ ष्द्मह्यब्ह्य ह्वद्दद्धड्ड्न स्रह्नहृ द्धठ्ठह्व ष्द्मठ्ठ ष्भ्द्मह.द्म द्बह्नह्वत्न क्द्म;द्म्न ष्द्मह्यब्द्म] द्गद्दद्मद्भद्मह्ल क्ष् द्गस्ड्डह्वह्य ॥द्मद्मफ्शह् द्ब<+ ब्द्ध द्दस्] द्बद्भ ड्ढद्य ष्द्मद्भ ॥द्मद्ध द्वद्यह्य द्वद्बह्यम्द्मद्म द्दद्ध द्धद्गब्द्ध्न ष्द्दह्नह् द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड ह्स्र ह्लष् ष्भ्द्मह.द्म ह्वद्दद्धड्ड क्द्म;द्म] ह्द्मह्य ॥द्मद्मह्यह्ल ह्वह्य रुशड्ड; द्वह्वस्रद्ध [द्मद्मह्यह्ल स्रद्भद्मर्ड्ढं्न य़द्मह् द्दह्नक्द्म द्धस्र शह्य ॥द्मद्मफ्शह् द्गह्यड्ड द्भद्ग फ्, द्दस््न क्ष् द्वद्दह्यड्ड द्बस्द्यह्य स्रद्ध श्चद्मद्द ह्वद्दद्धड्ड द्भद्दद्ध्न ॥द्मद्मह्यह्ल ह्वह्य ड्ढद्य ष्द्मद्भ द्वद्दह्यड्ड रुशड्ड; क्द्मफ्भ्द्दद्बर्ख्शंस्र ष्ह्नब्द्म;द्म] स्रस्नद्मद्म स्रद्दब्द्मर्ड्ढं] द्वद्दह्यड्ड द्यश्वद्गद्मह्व द्धठ्ठ;द्म श /द्मह्व ॥द्मद्ध्न /द्मह्व द्वद्दद्मह्यड्डह्वह्य द्धह्व/र्द्मंह्वद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ष्द्मँक द्धठ्ठ;द्म्न क्ष् द्भद्मह्लद्म ह्वह्य द्वद्दह्यड्ड द्बख्द्भह्य द्यश्वद्गद्मह्व द्यह्य द्भद्मह्लद्बह्नद्भद्मह्यद्धद्दह् द्बठ्ठ द्बद्भ द्धह्व;ह्नष्ठह् स्रद्भ द्धठ्ठ;द्म्न क्द्बह्वद्ध श्चद्मद्द ॥द्मष्ठह् द्धद्गंकद्म ठ्ठह्यह्द्म द्दस्] ह्द्मह्य र्ड्ढंज्शद्भ रुश;ड्ड द्वद्यस्रह्य ह्लद्धशह्व द्गह्यड्ड ?द्मह्नब् ह्लद्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न द्धक्तद्भ द्धस्रद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ स्रह्य शस्॥द्मश स्रद्ध द्वद्यह्य ह्ल:द्भह् ह्वद्दद्धड्ड द्बरु+ह्द्ध्न


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