लोग उसे एक गंदे, उपेक्षित और हास्यास्पद लड़के के रूप में जानते थे। एक दिन उसने बताया कि बादशाह को उसकी जरूरत है। इस पर लोग हँसते-हँसते लोट-पोट हो गए। भला बादशाह इस निकम्मे लड़के का क्या करेंगे?
उसके माता-पिता बेहद गरीब किसान थे। जीवनयापन के लिए उन्हें मुँह-अँधेरे उठकर काम शुरू करना पड़ता था और शाम ढलने तक वे काम में जुटे रहते थे। रॉबर्ट निक्सन उनका इकलौता बेटा था। शक्ल-सूरत से वह निरा मूर्ख नजर आता था, जिस पर वह दिन भर उलटी-सीधी शरारतें करता घूमता। चेशायर नगर के ब्रिज हाउस क्षेत्र में उसे इसी रूप में जाना जाता था। जब उसे पढ़ने के लिए स्कूल में दाखिल कराया गया तो कुछ ही दिनों में शिक्षकों के साथ-साथ उसके माता-पिता भी समझ गए कि वह निरा घामड़ है। अतः उसे स्कूल से हटाकर खेत में ही काम पर लगा दिया गया।
सन् 1485 की बात है, बोसपर्थ के रणक्षेत्र में ब्रिटेन का भाग्य दाँव पर लगा हुआ था। रिचमाँड के अर्ल हेनरी के नेतृत्व में राजा रिचर्ड की सेना को आगे बढ़ने से रोक दिया गया था और वह रणक्षेत्र से मीलों दूर रह गई थी। इसी जगह पर एक खेत में मूर्ख समझा जाने वाला यह रॉबर्ट निक्सन हल चला रहा था। अचानक वह हल की नोंक से बने गड्ढे को देखकर रुक गया। उसने उस गड्ढे को लकड़ी से खोद डाला। फिर सिर नीचा किए उसके सामने खड़ा हो गया। उसके बाद अचानक वह हवा में हाथ हिला-हिलाकर और उछल-उछलकर चिल्लाने लगा। खेत के निरीक्षक ने उसे देखा और तुरन्त उसके पास पहुँचा, ताकि इस प्रकार वक्त बरबाद करने से रोके और काम करने का आदेश दे।
लेकिन वह उससे कुछ दूर ही रुक गया। उसने देखा, रॉबर्ट पागलों जैसी हरकतें कर रहा है। उसकी आँखें आश्चर्यजनक रूप से फटी हुई है। उसके एक हाथ में हल खींचने वाले जानवर का हाँकने के लिए चाबुक था। उसने वह चाबुक हवा में लहराया और चीखा, वह है रिचर्ड!...वह!......वह!....अब। फिर वह कुछ पल रुककर बोला-उठो हेनरी! अपने शस्त्रास्त्रों सहित उठो! बाधा पार करो युद्ध जीत लिया लिया गया है” फिर वह वहाँ कुछ देर के लिए जड़वत् खड़ा हो गया फिर मुस्कराने लगा। जब उसकी नजर खेत के निरीक्षक पर पड़ी जो उससे कुछ ही दूर पर खड़ा उसकी हरकतें देख रहा था। उसने निरीक्षक से कहा- “युद्ध समाप्त हो गया है। हेनरी की विजय हुई है।” इतना कहकर वह इस प्रकार अपने काम में लग गया जैसे कुछ हुआ ही न हो।
इसके बाद तो रॉबर्ट निक्सन ने अनेक भविष्यवाणियाँ कीं और वे सभी सच साबित हुई हैं। उसने बताया कि खेतों के मालिक अर्थात् उसके स्वामी के परिवार के एक सदस्य की मृत्यु नजदीक के एक गाँव में होने वाले अग्निकांड में हो जाएगी। यह भविष्यवाणी पूर्णतः सही सिद्ध हुई। एक बार उसने बताया कि दो सप्ताह के बाद भयानक तूफान आएगा और हेनरी तथा रिचर्ड बोसपर्थ के मैदान में युद्ध करेंगे। फिर उसने बताया कि इस युद्ध में रिचर्ड की पराजय हो जाएगी। इस भविष्यवाणी के दो ही दिनों बाद सूचना मिली कि हेनरी सप्तम सिंहासनारूढ़ हो रहे हैं। लेकिन इस संदेश को लेकर जो लोग गाँव आए थे, वे यह देखकर आश्चर्य में पड़ गए कि गाँव के लोग इस समाचार के बारे में पहले से ही जानते हैं और उन्हें इसकी पूर्व सूचना देने वाला व्यक्ति रॉबर्ट निक्सन है।
उड़ते-उड़ते यह खबर सम्राट हेनरी के कानों तक पहुँची कि ‘ओवर’ नामक गाँव में एक विचित्र व्यक्ति ईश्वरीय शक्तियों के माध्यम से जानकारी प्राप्त करता है और गाँव के लोग उसकी विचित्र घोषणाओं पर आश्चर्यचकित है। उसने गाँव के लोगों को बताया कि राजमहल के कुछ लोग उसे लेने के लिए आ रहे हैं और राजमहल में उसे भूख के कारण मरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। आखिर वह दिन आ गया, जब सम्राट ने सचमुच ही उसे बुलावा भेजा।
जब रॉबर्ट निक्सन राजमहल में पहुँचा तो उसने देखा कि सम्राट हेनरी उसे शक के नजर से देख रहे हैं। वह सोचने लगा कि बेकार ही उसे बुलावा भेजा। हेनरी ने उसकी परीक्षा के लिए अपनी अँगूठी छिपा ली और पूछा बताओ मेरी अंगूठी कहाँ है? रॉबर्ट निक्सन ने एक बार हेनरी की ओर घर कर देखा और फिर बोला- “महोदय, अँगूठी कहीं खोई नहीं है। जिसने इसे छिपाया हुआ है, वही इसका पता भी पूछ रहा है।”
निक्सन का उत्तर सुनकर सम्राट को प्रसन्नता हुई। उन्होंने आदेश दिया कि इस लड़के के साथ चौबीस घंटे एक मुंशी रहना चाहिए, जो इसकी भविष्यवाणियों को लेखा-जोखा रखेगा। तदनुसार मुंशी नियुक्त किया गया और एक अपनी ही भविष्यवाणी के अनुसार वह राजमहल में समय पर भोजन न मिलने के कारण भूख से मर गया। रॉबर्ट निक्सन की भविष्यवाणियों के लेख-जोखे के अनुसार सन् 2000 के आस-पास विश्वव्यापी सामरिक उपद्रव होंगे तथा अनेक प्रलयंकारी प्राकृतिक प्रकोप होंगे। धीरे-धीरे इक्कीसवीं सदी में दुनिया शाँति एवं समृद्धि की ओर गतिशील होगी। भारतवर्ष अपनी आध्यात्मिक क्षमताओं के द्वारा समूचे विश्व का नेतृत्व करेगा और मानवता एक नए ‘एफ ऑफ टूथ’ का सौभाग्य प्राप्त करेगी।