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January 1998

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“समय नहीं है,” यह शिकायत हर किसी की है। मरने के लिए भी समय नहीं है- कहा यही जाता है। हालाँकि बहुत-से लोग निकम्मे-निठल्ले बैठे रहते है-देखा यही जाता है। सम्भवतः ऐसे लोग मरने के आलस के कारण जिन्दा हैं। पर कालदेवता की घण्टी बज रही है। समय तो निकालना ही होगा, कम से कम इन बारह कामों के लिए सच्ची कोशिश हो सके, तो फिर लगेगा हमारे पास समय ही समय है।

1. प्रार्थना के लिए-इससे संसार की धुँध आँखों से हटेगी।

2. सत्संग के लिए-यह प्रसन्नता का झरना है।

3. सत्कार्य के लिए-यह सफलता का मूल्य है।

4. चिन्तन-मनन के लिए-यह शक्ति का स्रोत है।

5. स्वाध्याय के लिए- यह ज्ञान की बुनियाद है।

6. ध्यान के लिए-यह उत्थान का राजमार्ग है।

7. सेवा के लिए-जीवन की संजीवनी बूटी है।

8. हँसने के लिए-जिन्दगी के भार को हल्का करने वाला पथगीत है।

9. सम्मान देने के लिए-यह निश्छल प्यार का निर्झर है।

10. खेल के लिए-यह चिरयौवन का रहस्य है।

11. स्वयं को जानने के लिए-आत्मज्ञान का अमृत मिलेगा

12. नवयुग के निर्माण के लिए-स्वयं के उज्ज्वल भविष्य की चमक दिखाई देगी।

ये बारह कार्य जीवन सूर्य की द्वादश रश्मियाँ हैं। जिनसे निकलने वाला प्रकाश जिन्दगी की हर दिशा को प्रकाश व उल्लास से भर देगा।

*समाप्त*


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