Quotation

June 1986

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न रगड़ के बिना रत्न चमकते हैं और न कठिनाइयों का सामना किए बिना मनुष्य महान बनता है।

मनुष्य का अपने आप से बढ़कर न कोई शत्रु है न मित्र।


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