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June 1986

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प्रकृति प्रकोपों- विक्षोभों के काले बादल सारे संसार के ऊपर मंडरा रहे हैं। उसकी कुछ बूँदें विभिन्न क्षेत्रों में बरसनी आरम्भ भी हो चुकी हैं जिनका प्रमाण विभिन्न प्रकार के दुर्भिक्षों के रूप में मिल रहा है। अगले दिनों वे और भी उग्र होंगे, इसके स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। मानवी दुष्कृत्यों की अदूरदर्शी प्रयासों की इतनी भयंकर प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं, यह पहली बार अनुभव किया जा रहा है।


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