भयंकर अकाल के बाद (kahani)

August 1983

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निकोसिया (दक्षिण यूरोप) से समाचार है कि भयंकर अकाल के बाद पीड़ित जन-समुदाय की सामूहिक प्रार्थना के फलस्वरूप 24 घण्टे के अन्दर घनघोर वर्षा हुई। भूमध्य सागर से लगे सायप्रस नामक इस पूर्वी उपद्वीप में 10 माह से भयंकर सूखा पड़ रहा था। पशु मरने लगे। कई व्यक्ति सायप्रस छोड़कर चले गए। आर्य विशप क्राइसोस्टोमॉस ने सन्तपाल से संबंधित घटना को जन समुदाय को सुनाते हुए सामूहिक प्रार्थना की महत्ता बताई व एक ही स्थान पर एकत्र हो, एक समय परम सत्ता ने अपने कष्ट निवारण हेतु प्रार्थना करने को कहा। दिसम्बर 82 में घटी इस घटना को चमत्कारिक माना गया, क्योंकि फिर यह वर्षा सतत् तब तक होती रही जब तक व्यक्तियों की आवश्यकता हेतु वर्षा जल उपलब्ध न हो गया।


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