शक्तिपीठों के लिये कार्यकर्त्ताओं की आवश्यकता

June 1980

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फ्द्म;=द्ध 'द्मद्धुद्बद्धक्चह्यड्ड क्द्मस्द्भ द्बभ्य़द्मद्बद्धक्चह्य ॥द्मद्मद्भह्व स्रह्य स्रद्मह्यह्वह्य&स्रद्मह्यह्वह्य द्गह्यड्ड ष्ह्व द्भद्दद्ध द्दस््न द्वह्वद्दह्य द्यद्गद्धद्बशह्द्ध म्द्मह्य= द्गह्यड्ड ह्लह्व&द्यश्वद्बर्स्रं रुस्नद्मद्मद्धद्बह् स्रद्भह्वह्य द्गह्यड्ड द्बभ्शक्वनद्म द्दद्मह्यह्वद्म द्दद्मह्यफ््न द्धह्व;ह्नु स्रर्द्म;स्रनद्मर्द्मं /द्मर्द्गं ह्= द्यह्य ब्द्मह्यस्रद्ध'द्मम्द्म.द्म स्रद्ध स्रर्द्म; द्ब)द्धह् क्द्बह्वद्म स्रद्भ द्धशश्चद्मद्भ यद्मद्धह् क्द्ध॥द्म;द्मह्व स्रद्मह्य क्द्मफ्ह्य ष्<द्म;ह्यफ्ह्य्न

ड्ढह्वस्रद्म द्बभ्/द्मद्मह्व स्रर्द्म;यद्ग द्ध'द्मद्धम्द्मह्द्मह्य स्रद्मह्य ;ह्नफ् द्यद्मद्धद्दक्र; द्ब<+ह्वह्य स्रह्य द्धब्, ठ्ठह्यह्वह्य क्द्मस्द्भ शद्मद्धद्बद्य ब्ह्यह्व ?द्मद्भ ?द्मद्भ ह्लद्मह्वद्म] द्यश्वष्द्ध/द्मह् द्बद्धद्भह्लह्वद्मह्यड्ड स्रह्य ह्लद्ग&द्धठ्ठह्व क्द्म;द्मह्यह्लह्व द्यश्वद्बह्व स्रद्भह्वद्म] द्भद्मद्गद्म;.द्म स्रस्नद्मद्म स्रद्दह्वद्म] रुब्द्मड्ढरु द्बभ्द्मह्यह्लह्यष्ठंकद्भ स्रह्य द्यद्मस्नद्म द्बभ्ष्श्चह्व स्रद्भह्वद्म] र्द्बशं द्यड्डरुस्रद्मद्भद्मह्यड्ड स्रह्य /द्मर्द्गं —क्र; द्यश्वद्बह्व स्रद्भह्वद्म क्द्मद्धठ्ठ द्दद्मह्यफ्द्म्न

द्वद्बद्भद्मह्यष्ठह् द्बभ्;द्मह्यह्लह्व स्रह्य द्धब्, ठ्ठह्य'द्म स्रह्य स्रद्मह्यह्वह्य&स्रद्मह्यह्वह्य द्गह्यड्ड ,ह्यद्यह्य स्रर्द्म; स्रह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म द्दद्मह्यफ्द्ध ह्लद्मह्य द्ध'द्मम्द्मद्म स्रद्ध ठ्ठक्वद्ध"क द्यह्य ॥द्मब्ह्य द्दद्ध द्यद्मद्गद्म; स्रद्मद्गश्चब्द्मट द्ब<ह्य द्दद्मह्य द्धस्रह्ह्न द्वद्बद्भद्मह्यष्ठह् स्रर्द्म;यद्गद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्धह्लद्दह्य द्वक्रद्यद्मद्द द्दद्मह्य] ह्लद्मह्य ष्भ्द्महद्म.द्मद्मह्यद्धश्चह् द्भद्मह्यद्धह् द्यह्य क्द्बह्वद्म [द्मर्श्चं रुह्य< द्यद्मस् :द्ब;ह्य द्गद्मद्धद्यस्र द्गह्यड्ड श्चब्द्म द्यस्रह्य्न ,स्र द्गद्दद्धह्वह्य स्रद्ध कऊह्यद्धह्वड्डफ् स्रह्य द्वद्बद्भद्मह् शह्य क्द्बह्वद्ध द्यद्गद्धद्बशह्द्ध 'द्मद्धष्ठह्द्बद्धक्च द्गह्यड्ड द्दद्ध स्रद्मद्ग स्रद्भह्वह्य ब्फ्ह्यड्डफ्ह्य्न

द्धह्लह्वस्रद्ध द्गह्वत्नद्धरुस्नद्मद्धह् ,शड्ड द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह् द्वद्बद्भद्मह्यु स्रर्द्म; स्रद्भह्वह्य स्रद्ध द्दद्मह्य शह्य क्द्बह्वद्म द्धशरुह्क्वह् द्बद्धद्भश्च; द्धब्[द्मह्ह्य द्दह्न, 'द्मद्मद्धह् स्रह्नह्ल द्दद्धद्भत्त्द्मद्भ स्रह्य द्बह्ह्य द्बद्भ द्ब= ह्र;शद्दद्मद्भ स्रद्भ ब्ह्यह्यड्ड्न

फ्द्म;=द्ध क्द्मद्भ.;स्र स्रद्म म्द्मह्य= द्धशरुह्द्मद्भ

फ्द्म;=द्ध ह्वफ्द्भ द्गह्यड्ड ठ्ठह्यश द्बद्धद्भशद्भ ष्द्यह्वह्य स्रद्ध द्यख्श्चह्वद्म स्रद्म द्बद्धद्भह्लह्वद्मह्य ह्वह्य ॥द्मद्मश॥द्मद्भद्म रुशद्मद्गह् द्धस्र;द्म द्दस् द्बद्मद्धद्भशद्मद्धद्भस्र द्वनद्मठ्ठद्मद्ध;क्रशद्मह्यड्ड द्यह्य द्धह्वशक्वह्] क्द्मक्रद्गद्मक्रस्र"र्द्मं स्रद्म द्गद्दक्रश द्यद्ग>ह्वह्य ब्ह्य द्यद्मस्स्ररुद्मह्य द्बभ्य़द्मशद्मह्वद्मह्य स्रह्य क्द्मशह्यठ्ठह्व द्बभ्द्मढ्ढह् द्दह्न, द्दस् द्वद्दद्मह्यह्वह्य रुशद्म/;द्म;] द्यड्ड;द्ग ठ्ठह्यश द्यह्य द्यद्गद्धशह् ड्ढद्य क्द्मद्भ.;स्र द्भम्द्मद्म द्ब)द्धह् स्रद्मह्य क्द्बह्वह्य द्धब्, द्दद्भ ठ्ठक्वद्ध"क द्यह्य द्वद्ब;द्मह्यफ्द्ध द्बद्म;द्म द्दस््न क्तब्ह्त्न क्द्मशह्यठ्ठह्वद्मह्य स्रद्ध >रुद्ध ब्फ् फ्ड्ढ द्दस् ड्ढह्वद्गह्यड्ड द्यह्य क्द्ध/द्मस्र द्वद्ब;ह्नष्ठह्द्मह्य स्रद्मह्य द्बभ्द्मस्नद्मद्धद्गस्रह्द्म ठ्ठह्यह्वह्य स्रद्ध ह्वद्धद्धह् क्द्बह्वद्मस्रद्भ द्बभ्द्मस्नद्मद्धद्गस्रद्मह् ठ्ठद्ध ह्लद्म द्भद्दद्ध द्दस््न

ड्ढद्य द्बभ्द्ध'द्मम्द्म.द्म द्गह्यड्ड ठ्ठद्मह्य शफ्द्मर्ह्यं स्रद्मह्य क्द्मस्द्भ ॥द्मद्ध द्यद्धश्वद्गद्धब्ह् स्रद्भह्वद्म क्द्मश';स्र द्यद्ग>द्म फ्;द्म द्दस््न ,स्र शह्य ह्लद्मह्य 'द्मद्धु द्बद्धक्चद्मह्य द्भद्दस्रद्भ द्धह्व/द्मर्द्मंद्धद्भह् स्रर्द्म;यद्ग द्यह्य द्यक्वह्लह्वद्मक्रद्गस्र द्यक्रद्बभ्शक्वद्धनद्म;द्मह्यड्ड ष्द्धह्लद्मद्भद्मह्यद्ब.द्म ह्स्नद्मद्म क्द्ध॥द्मष्/र्द्मंह्व स्रद्भह्यड्डफ्ह्य्न ठ्ठख्द्यद्भह्य शह्य ह्लद्मह्य ॥द्मद्ध द्बख्.र्द्मं द्धह्वशक्वह् ह्द्मह्य ह्वद्दद्धड्ड द्दह्न, द्दस् द्बद्भ शह्द्गद्मह्व द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड ॥द्मद्ध ;ह्नफ् द्यद्ध/द्म स्रद्ध ष्ह्यब्द्म द्गह्य क्द्ध/द्मस्रद्मद्ध/द्मस्र द्यह्यशद्म द्यड्डद्म/द्मह्वद्म ठ्ठह्यह्वद्म श्चद्मद्दह्ह्य द्दस््न ड्ढह्व ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्य शफ्द्मर्ह्यं स्रह्य द्धब्, ॥द्मद्ध क्द्मद्भ.;स्र द्यद्म/द्मह्वद्म ड्ढद्यद्धब्, क्द्मश'स्र; द्दस् द्धस्र शह्य क्द्बह्वह्य द्धश"द्म; द्गह्यड्ड शद्ध.द्म&द्बद्मद्भफ्ड्डह् ह्व द्दद्मह्यह्वह्य द्बद्भ ॥द्मद्ध द्धह्व/द्मर्द्मंद्धद्भह् द्वनद्मद्भठ्ठद्मद्ध;क्रशद्मह्यड्ड द्यक्तब्ह्द्मद्बर्ख्शंस्र द्धह्वशर्द्मंद्द स्रद्भ द्यस्रह्यड्डफ्ह्य्न क्;स्नद्म ॥द्मद्मद्भद्ध ठ्ठद्मस्रु+ स्रद्भह्ह्य द्भद्दह्वह्य द्बद्भ ॥द्मद्ध द्बद्धद्भ.द्मद्मद्ग द्यह्द्मह्य"द्मह्लह्वस्र ह्व द्धद्गब् द्यस्रह्यफ्द्म्न

क्द्मद्भ.;स्र ;द्मह्यह्लह्वद्म स्रद्म स्रद्म;र्द्मंश;ह्व फ्द्म;=द्ध ह्ल;ह्द्ध द्यह्य द्दद्मह्यह्वह्य ह्लद्म द्भद्दद्म द्दस् क्ष् ह्स्र द्बभ्द्म;त्न द्बख्.द्मभ् द्धह्वशक्वह् रुस्नद्मद्म;द्ध :द्ब द्यह्य ष्द्यह्वह्य शद्मब्द्मह्यड्ड स्रह्य क्द्मशह्यठ्ठह्व द्ब= द्दद्ध द्गद्मँफ्ह्य स्नद्मह्य्न क्रुह्ह्न शह्य द्दद्ध द्वद्बब्ष्ट/द्म द्दह्न, द्दस््न क्ष् द्धरुस्नद्मद्धह् क्द्मस्द्भ क्द्मश'स्र;ह्द्म स्रद्मह्य ठ्ठह्य[द्मह्ह्य द्दह्न, ड्ढद्य द्यठ्ठ॥र्द्मं द्गह्यड्ड ह्व;द्म द्धह्व/द्मर्द्मंद्भ. द्धस्र;द्म फ्;द्म द्दस््न द्धस्र द्वद्बद्भद्मह्यष्ठह् ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्य शफ्द्मर्ह्यं स्रह्य द्धब्, ड्ढद्य द्ध'द्मम्द्म.द्म द्बभ्द्धय;द्म द्गह्यड्ड फ्ह्नह्लद्मड्ढ'द्म द्धह्वस्रद्मब्द्ध ह्लद्म;्न क्रुह्ह्न क्ष् रुद्धद्मद्मह्व द्वह्वस्रह्य द्धब्, ॥द्मद्ध द्यह्नद्भद्धम्द्मह् द्भ[द्मह्य फ्;ह्य द्दस््न ह्लद्मह्य द्बद्धक्चद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्भद्दस्रद्भ स्रद्मद्ग स्रद्भह्यफ्ह्य ,शड्ड ?द्मद्भद्मह्य द्बद्भ द्भद्दह्ह्य द्दह्न, द्यश्वद्बर्स्रं म्द्मह्य= द्गह्यड्ड ह्वश द्यक्वह्लह्व स्रद्म क्द्मब्द्मह्यस्र द्धशह्द्भ.द्म स्रद्भह्ह्य द्दस््न फ्द्म;=द्ध ह्वफ्द्भ द्गह्यड्ड रुस्नद्मद्म;द्ध ह्वद्दद्धड्ड द्भद्दह्यफ्ह्य] द्धक्तद्भ ॥द्मद्ध द्वह्वस्रद्म क्रुस्नद्मद्म;द्ध द्दद्मह्यह्वद्म ॥द्मद्ध द्बभ्द्म;त्न द्वह्ह्वद्म द्दद्ध द्वद्ब;द्मह्यफ्द्ध त्रस्] द्धस्र ष्द्य ह्लद्मह्वह्य शद्मब्द्मह्य स्रद्म द्वक्रद्यद्मद्द्न

ड्ढह्व ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्यड्ड शफ्द्मर्ह्यं स्रद्म द्बभ्द्ध'द्मम्द्म.द्म ह्द्धह्व द्गद्दद्धह्वह्य स्रद्म द्दद्मह्यफ्द्म्न ड्ढद्यद्यह्य स्रद्ग द्गह्य ड्ढह्ह्वह्य क्द्ध/द्मस्र द्धश"द्म;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्बभ्शद्ध.द्मह्द्म ष्ह्व ह्वद्दद्धड्ड द्बरुह्यफ्द्ध्न क्क्र;द्ध/द्मस्र द्वह्द्मशब्द्ध द्गह्यड्ड द्बंघब्ह्य स्रह्नहृ ह्वद्दद्धड्ड द्बरु+ह्द्म्न द्वद्बद्दद्मद्य क्द्मस्द्भ क्द्यह्द्मह्य"द्म द्दद्ध द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न

रुस्नद्मद्म;द्ध क्द्मस्द्भ क्रुस्नद्मद्म;द्ध शफ्द्मर्ह्यं स्रद्ध द्ध'द्मम्द्मद्म द्ब)द्धह् द्गह्यड्ड स्नद्मद्मह्यरुद्म&द्यद्म द्दद्ध क्ह्द्भ द्दद्मह्यफ्द्म्न द्यद्म/द्मह्वद्म] रुशद्म/;द्म;] द्य;द्ग] द्यह्यशद्म स्रद्ध श्चद्मद्भद्मह्य /द्मद्मद्भ.द्मद्म, द्दद्भ क्/;द्मक्रद्गशद्मठ्ठद्ध स्रह्य द्धब्, /द्मर्द्गं म्द्मह्य= द्गह्यड्ड स्रद्मद्ग स्रद्भह्वह्य शद्मब्ह्य स्रह्य द्धब्, क्द्धह्वद्मश; :द्ब द्यह्य क्द्मश'स्र; द्दस््न ड्ढह्वद्गह्यड्ड द्यह्य ,स्र ॥द्मद्ध ,ह्यद्यद्ध ह्वद्दद्धड्ड द्धह्लद्यह्य हृद्मह्यरुद्म ह्लद्म द्यस्रह्य ;द्म द्धह्लद्यह्य ,स्र स्रह्य द्यद्दद्मद्भह्य द्दद्ध क्द्मद्धक्रद्गस्र द्बभ्फ्द्धह् ,शड्ड ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रद्मह्य द्बद्धद्भ"—ह् द्यश्व॥द्मश द्दद्मह्य द्यस्रह्य्न ड्ढद्यद्धब्, ड्ढह्व क्द्मद्भ.;स्रद्मह्यड्ड द्गह्य क्द्धशद्धहृह्व :द्ब द्यह्य क्द्बह्वद्मह्य; ह्लद्मह्वह्य शद्मब्ह्य ड्ढह्व श्चद्मद्भद्मह्य द्बद्मक्च−;यद्गद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्यद्गद्मह्व द्गद्दक्रश द्धठ्ठ;द्म ह्लद्म;फ्द्म्न ड्ढह्ह्वद्म क्ह्द्भ ह्द्मह्य द्भद्दह्यफ्द्म द्दद्ध] ब्श्वष्द्ध क्शद्ध/द्म ह्स्र द्भद्दह्वह्य शद्मब्द्मह्य स्रह्य द्धब्, द्यह्नद्धशरुह्क्वह् द्धह्व/द्मर्द्मंद्भ.द्म द्दद्मह्य क्द्मस्द्भ ह्द्धह्व द्गद्दद्धह्वह्य द्धह्लह्ह्वह्य रुशंघद्ब स्रद्मब् द्गह्यड्ड द्दद्भ द्बभ्द्यड्डफ् स्रद्ध द्यद्धद्धद्गह् द्यद्धम्द्मढ्ढह् द्धस्र;द्म ह्लद्म;्न

फ्द्म;=द्ध ह्वफ्द्भ द्गह्यड्ड ष्द्यह्वह्य शद्मब्द्मड्ड स्रद्म द्यह्यशद्म द्यद्म/द्मह्वद्म स्रद्म स्रर्द्म;म्द्मह्य= 'द्मद्मद्धह्&स्रह्नह्ल] ष्भ्हशर्श्चंद्य−] फ्ह्न:स्रह्नब् ,शड्ड क्द्मद्भ.;स्र स्रद्मह्य द्धशद्ध॥द्मह्व क्द्मश';स्रह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रह्य त्त्द्मद्भद्म स्रद्भह्वह्य ह्स्र द्यद्धद्धद्गह् द्भद्दह्यफ्द्म्न द्वह्वस्रद्म स्रर्द्म;म्द्मह्य= द्वह्ह्वद्म द्दद्ध द्भद्दह्यफ्द्म क्रुह्ह्न द्वह्वस्रद्ध द्बभ्शद्ध.द्मह्द्म ड्ढद्यद्ध द्बद्धद्भद्ध/द्म स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य /;द्मह्व द्गह्यड्ड द्भ[द्मस्रद्भ ष्<द्मर्ड्ढं ह्लद्म;फ्द्ध्न ह्लष्द्धस्र 'द्मद्धष्ठह्द्बद्धक्चद्मह्यड्ड ,ड्डश रुस्नद्मद्मह्वद्ध; म्द्मह्य= द्गह्यड्ड स्रद्मद्ग स्रद्भह्वह्य शद्मब्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ह्लह्व&द्यश्वद्बर्स्रं द्यद्म/द्मह्वद्म] /द्मर्द्गंह्= द्यह्य ब्द्मह्यस्रद्ध'द्मम्द्म.द्म] ;ह्नफ् द्यद्ध/द्म स्रद्म द्गद्दद्मद्बह्नद्भ'श्चद्भ.द्म द्यक्रद्बभ्शक्वद्धनद्म द्यश्वष्/र्द्मंह्व ह्लस्द्यद्ध फ्द्धह्द्धशद्ध/द्म;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्बभ्शद्ध.द्मह्द्म द्वद्बब्ष्/द्म स्रद्भह्वह्य स्रद्म क्द्मश';स्र क्॥;द्मद्य स्रद्भद्म;द्म ह्लद्म;फ्द्म्न द्यड्डफ्द्धह् स्रस्नद्मद्म] द्बभ्शश्चह्व] स्रर्द्गंस्रद्म.रु] ब्द्मह्यस्र ह्र;शद्दद्मद्भ ह्र;द्धुह्श स्रद्म द्धह्व[द्मद्मद्भ] क्द्मह्ह्य ह्लद्मह्ह्य द्भद्दह्वह्य शद्मब्ह्य द्वह्द्मद्भ&श्च<द्मशद्मह्यड्ड स्रद्म द्धह्वद्भद्मस्रद्भ.द्म ह्लस्द्यह्य द्बभ्द्यड्डफ् द्वद्दह्य द्धश'द्मह्य"द्म :द्ब द्यह्य द्ब<द्म;ह्य ह्लद्म;ह्यफ्ह्य ह्लद्मह्य ह्द्धह्व द्गद्दद्धह्वह्य स्रद्म द्बभ्द्ध'द्मम्द्मद्म द्बभ्द्मढ्ढह् स्रद्भह्वह्य क्द्मशह्यड्डफ्ह्य्न

ड्ढह्व क्रुस्नद्मद्म;द्ध द्बभ्द्ध'द्मम्द्मद्मद्धस्नर्द्मं;द्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, ॥द्मद्ध रुस्नद्मद्मह्व द्यद्धद्धद्गह् द्दद्ध द्दस् द्धह्लद्दह्य द्यद्मद्धद्गब् द्दद्मह्यह्वद्म द्दद्मह्य फ्द्म;=द्ध ह्ल;ह्द्ध द्यह्य क्द्मद्भश्व॥द्म द्दद्मह्यह्वह्य शद्मब्ह्य ड्ढद्य द्बभ्द्ध'द्मम्द्म.द्म द्गह्यड्ड द्यद्धश्वद्गद्धब्ह् द्दद्मह्यह्वह्य स्रद्ध रुशद्ध—द्धह् द्यद्ग; द्यह्य द्बर्ख्शं 'द्मद्मद्धह्&स्रह्नंह्ल] द्दद्धद्भत्त्द्मद्भ द्यह्य द्बभ्द्मढ्ढह् स्रद्भब्ह्य्न


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