आत्महीनता की महाव्याधि और उससे छुटकारा

June 1980

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स्रद्दह्ह्य द्दस् द्धस्र द्दद्मस्नद्मद्ध स्रद्मह्य क्; द्बभ्द्म.द्मद्ध रुद्धब्&रुद्मस्ब् द्गह्यड्ड द्वह्व स्रह्य शद्मरुह्द्धशस्र क्द्मस्रद्मद्भ&द्बभ्स्रद्मद्भ द्यह्य स्रद्दद्धड्ड ष्रु+ह्य द्धठ्ठ[द्मद्मर्ड्ढं ठ्ठह्यह्ह्य द्दस्ड्ड्न द्वद्यस्रद्ध क्द्मँ[द्म स्रद्ध ष्ह्वद्मशंक ,ह्यद्यद्ध द्दद्मह्यह्द्ध द्दस् द्धस्र शद्द क्; द्बभ्द्मद्ध.द्म;द्मह्यड्ड स्रद्म क्द्मस्रद्मद्भ स्रर्ड्ढं फ्ह्नह्वद्म ष्<+द्म श्च<+द्म स्रद्भ ठ्ठह्य[द्मह्द्ध द्दस्] ड्ढद्यद्ध स्रद्मद्भ.द्म द्दद्मस्नद्मद्ध ठ्ठख्द्यद्भह्य द्बभ्द्मद्ध.द्म;द्मह्यड्ड द्यह्य ॥द्म;॥द्मद्धह् द्भद्दह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ द्यद्मद्गद्म;ह्त्न ;स्रद्म;स्र द्धस्रद्यद्ध द्बद्भ क्द्मयद्ग.द्म ह्वद्दद्धड्ड स्रद्भह्द्म्न ;द्द स्रद्दद्मशह् फ्ब्ह् ॥द्मद्ध द्दद्मह्य द्यस्रह्द्ध द्दस्] स्रद्धश स्रंघद्बह्वद्म ॥द्मद्ध द्दद्मह्य द्यस्रह्द्ध द्दस्] द्बद्भ ;द्द द्यक्र; द्दस् द्धस्र क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध फ्भ्द्धस्नद्म द्यह्य फ्भ्रुह् ह्र;द्धष्ठह् द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्वद्यद्ध :द्ब द्गह्यड्ड ह्वद्दद्धड्ड ठ्ठह्य[द्मह्द्म ह्लद्मह्य शद्मरुह्श द्गह्यड्ड द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न क्द्बह्वह्य द्बभ्द्धह् द्दद्धह्वह्द्म ;द्म क्द्धश'शद्मद्य स्रद्म ॥द्मद्मश द्भ[द्मह्वह्य शद्मब्ह्य ब्द्मह्यफ् द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ष्द्दह्नह् श्च<+द्म स्रद्भ ठ्ठह्य[द्मह्ह्य द्दस्ड्ड क्द्मस्द्भ द्वह्वद्यह्य ॥द्म;॥द्मद्धह्] क्द्मह्ड्डद्धस्रह्] द्धश्चद्धह्ह् द्दद्मह्यह्ह्य द्भद्दह्ह्य द्दस्ड्ड्न ड्ढद्यह्य द्गह्वद्मह्यद्धशस्रक्वद्धह् स्रह्य स्रद्मद्भ.द्म क्द्ध/द्मस्रद्मड्ड'द्म ब्द्मह्यफ् क्द्बह्वह्य क्द्मद्ब रुश;ड्ड द्दद्ध क्द्बह्वद्म द्धह्द्भरुस्रद्मद्भ स्रद्भह्ह्य द्भद्दह्ह्य द्दस्ड्ड क्द्मस्द्भ द्वद्यस्रह्य क्॥;रुह् ष्ह्व ह्लद्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न

क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ॥द्मद्मशह्वद्म द्यह्य फ्भ्रुह् ह्र;द्धष्ठह्;द्मह्यड्ड स्रद्म रुश॥द्मद्मश ठ्ठष्टष्ख्द्बह्व स्रद्म ष्ह्व ह्लद्मह्द्म द्दस््न शह्य द्यद्दद्ध क्द्मस्द्भ द्वद्धश्चह् द्यद्मद्गद्म; ष्द्मह् ॥द्मद्ध द्धस्रद्यद्ध द्यह्य ह्वद्दद्धड्ड स्रद्द द्बद्मह्ह्य्न द्गह्नँद्द [द्मद्मह्यब्ह्वह्य द्गह्यड्ड द्वद्दह्यड्ड रुद्भ ब्फ्ह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ द्वद्दह्यड्ड रुद्भ ब्फ्द्म द्भद्दह्द्म द्दस् द्धस्र द्धह्लद्यद्यह्य ह्लद्मह्य स्रह्नहृ शद्द स्रद्दह्वह्य ह्लद्म द्भद्दह्य द्दस्ड्ड] शद्द द्बह्द्म ह्वद्दद्धड्ड ष्ठ;द्म द्यद्ग> ष्स्क्चह्य] :"क ह्व द्दद्मह्य ह्लद्म, स्रद्दद्धड्ड द्ध>रु+स्र ह्व ठ्ठह्य्न शरुह्ह्नह्त्न ;द्धठ्ठ ,ह्यद्यद्म द्दद्मह्य ॥द्मद्ध ह्लद्मह्द्म द्दस् ह्द्मह्य द्यद्मद्गद्म;ह्त्न स्रद्मह्यर्ड्ढं ष्रु+द्ध द्दद्मद्धह्व ह्वद्दद्धड्ड द्दद्मह्यह्द्ध द्बद्भ क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ह्र;द्मद्ध/द्म द्यह्य फ्भ्रुह् ह्र;द्धष्ठह् ड्ढद्य द्यद्धद्गद्म ह्स्र रुद्भह्य ठ्ठष्ह्य द्भद्दह्ह्य द्दस्ड्ड द्धस्र ॥द्मब्ह्य द्दद्ध स्रद्मह्यर्ड्ढं द्दद्मद्धह्व द्दद्मह्य ह्लद्म, शह्य द्धस्रद्यद्ध ॥द्मद्ध द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्यड्ड क्द्बह्वद्ध ष्द्मह् स्रद्मह्य द्यद्भब् द्यद्ध/द्मह्य <ड्डफ् द्यह्य स्रद्दह्वह्य स्रद्म द्यद्मद्दद्य ह्वद्दद्धड्ड ह्लह्नंकद्म द्बद्मह्ह्य्न क्द्मश';स्र द्दद्मह्यह्वह्य द्बद्भ ॥द्मद्ध स्रह्नहृ ह्व स्रद्द द्बद्मह्वह्य स्रद्म द्यड्डस्रद्मह्यश्च ष्द्भह्ह्वह्य द्यह्य ड्ढद्य ष्द्मह् स्रद्ध द्यश्व॥द्मद्मशह्वद्म ह्द्मह्य ष्ह्वद्ध द्दद्ध द्भद्दह्द्ध द्दस् द्धस्र फ्ब्ह् क्तद्दद्धद्ग;द्मँ द्बस्ठ्ठद्म द्दद्मह्य ह्लद्म,] ह्र;शद्दद्मद्भ द्गह्यड्ड ॥द्मभ्द्मद्धह्;द्मँ ह्लद्ग ब्ह्यह्वह्य ब्फ्ह्यड्ड क्द्मस्द्भ ड्ढद्य स्रद्मद्भ.द्म द्यद्मद्गह्वह्य शद्मब्द्म स्रह्नहृ स्रद्म स्रह्नहृ द्यद्ग> स्रद्भ क्द्बभ्क्र;द्मद्ध'द्मह्] क्रुशद्म॥द्मद्मद्धशस्र] द्दद्मद्धह्वस्रद्मद्भस्र ह्र;शद्दद्मद्भ स्रद्भ ष्स्क्चह्य्न ;द्द द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्वह्न"; स्रद्मह्यह्य द्धह्वद्ध'श्चह् द्दद्ध ठ्ठ;ह्वद्ध; द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्यड्ड रुद्मब् ठ्ठह्यह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ ड्ढद्यस्रह्य द्धब्, स्रह्यद्मर्ड्ढं क्; स्रद्मद्भ.द्म ठ्ठद्मह्य"द्मद्ध ह्वद्दद्धड्ड द्दस्] ह्र;द्धष्ठह् स्रद्म क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म फ्भ्रुह् रुश॥द्मद्मश रुश;ड्ड द्दद्ध ठ्ठद्मह्य"द्मद्ध द्दस््न

द्धशश्चद्मद्भ.द्मद्ध; द्दस् द्धस्र ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ;द्द ॥द्मद्मशह्वद्म ष्ठ;द्मह्यड्ड द्वक्रद्बह्व द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्गह्वत्न'द्मद्मरु=द्ध द्वद्यस्रह्य स्रर्ड्ढं स्रद्मद्भ.द्म ष्ह्द्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न द्वह्वस्रह्य क्ह्वह्नद्यद्मद्भ ष्श्चद्बह्व द्गह्यड्ड क्द्मश';स्र रुह्वह्यद्द द्यश्वद्गद्मह्व ह्व द्धद्गब् द्बद्मह्वद्म] द्गद्मह्द्म&द्धद्बह्द्म ;द्म क्द्ध॥द्म॥द्मद्मशस्रद्मह्यड्ड स्रद्ध क्द्मह्यद्भ द्यह्य द्वद्बह्यम्द्मद्म द्धद्गब्ह्वद्म] द्वद्बद्दद्मद्य स्रद्म स्रद्मद्भ.द्म ष्ह्वह्ह्य द्भद्दह्वद्म ;द्म क्॥द्मद्मश फ्भ्रुह् द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्यड्ड द्यद्ग; फ्ह्नह्लद्मद्भह्ह्य द्भद्दह्वद्म क्द्मद्धठ्ठ ,ह्यद्यह्य स्रद्मद्भ.द्म द्दस्ड्ड ह्लद्मह्य ष्श्चद्बह्व द्गह्यड्ड ,ह्यद्यद्ध द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मँ द्वक्रद्बह्व स्रद्भह्ह्य द्दस्ड्ड द्धह्लह्वस्रह्य स्रद्मद्भ.द्म ष्क्कश्चह्य ष्रु+ह्य द्दद्मह्यस्रद्भ ॥द्मद्ध क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध द्गद्दद्मह्र;द्मद्ध/द्म स्रह्य द्ध'द्मस्रद्मद्भ ष्ह्वह्ह्य द्दस्ड्ड्न ष्द्धद्गद्मद्भ] क्द्बड्डफ् क्द्मस्द्भ द्गठ्ठष्ह्नद्ध)] स्रद्गह्लद्मह्यद्भ] ष्क्कश्चह्य ॥द्मद्ध ष्द्मद्भ&ष्द्मद्भ रुद्मँक रुद्बंक द्यह्नह्वह्ह्य द्भद्दह्ह्य द्दस्ड्ड्न क्तब्ह्त्न द्वह्वस्रद्म द्गह्व ;द्द द्गद्मह्व ष्स्क्चह्द्म द्दस् द्धस्र द्वह्वस्रद्ध द्धरुस्नद्मद्धह् ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रद्ध क्द्बह्यम्द्मद्म फ्ड्ढ फ्ह्नह्लद्भद्ध द्दद्ध द्दस्] ॥द्मद्मंग; द्दद्ध स्रह्नहृ ,ह्यद्यद्म द्दस््न द्धद्बहृरु+द्ध द्यद्ग>द्ध ह्लद्मह्वह्य शद्मब्द्ध ह्लद्मद्धह्;द्मह्यड्ड स्रह्य रु=द्ध द्बह्नप्त"द्म क्द्मद्गह्द्मस्द्भ द्बद्भ क्द्बह्वह्य स्रद्मह्य ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रद्ध ह्ह्नब्ह्वद्म द्गह्यड्ड ?द्मद्धंक;द्म क्ह्वह्न॥द्मश स्रद्भह्ह्य द्दस्ड्ड क्द्मस्द्भ क्द्बह्वह्य द्यद्मह्यश्चह्वह्य द्धशश्चद्मद्भह्वह्य स्रद्म <ड्डफ् द्वद्यद्ध रुह्द्भ स्रद्म ष्ह्वद्म ब्ह्यह्ह्य द्दस्ड्ड द्गद्मह्वद्मह्य द्वह्वस्रद्मह्य ष्ह्वद्मह्ह्य द्यद्ग; द्धश/द्मद्मह्द्म ह्वह्य ?द्मद्धंक;द्म द्धद्गंक−कद्ध स्रद्म द्दद्ध द्बभ्;द्मह्यफ् द्धस्र;द्म द्दद्मह्य्न

,ह्यद्यद्ध ष्द्मह् ह्वद्दद्धड्ड द्दस् द्धस्र क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ;द्द ह्र;द्मद्ध/द्म स्रह्यशब् द्धद्बहृरु+ह्य क्द्मस्द्भ ष्श्चद्बह्व द्गह्यड्ड द्वद्बह्यद्धम्द्मह् द्भद्दह्वह्य शद्मब्ह्य ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्दद्ध द्बद्मर्ड्ढं ह्लद्मह्द्ध द्दस््न द्य॥; क्द्मस्द्भ द्ध'द्मद्धम्द्मह् स्रद्दह्य ह्लद्मह्वह्य शद्मब्ह्य ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध ड्ढद्य ह्र;द्मद्ध/द्म स्रह्य ब्म्द्म.द्म :द्ब ठ्ठष्टष्ह्नद्बह्व स्रद्ध द्बभ्शक्वद्धह् द्बद्मर्ड्ढं ह्लद्मह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ शह्य क्द्बह्वह्य ड्ढद्य रुश॥द्मद्मश स्रह्य स्रद्मद्भ.द्म रुश;ड्ड स्रद्मह्य द्दह्य; द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्यड्ड रुद्मब् ब्ह्यह्ह्य द्दह्यड्ड्न ,ह्यद्यह्य ह्र;द्धष्ठह्;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्यद्दह्ल द्दद्ध द्बद्दश्चद्मह्वद्म ह्लद्म द्यस्रह्द्म द्दस््न क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध फ्भ्द्धस्नद्म क्स्रद्मद्भ.द्म द्दद्ध द्गह्वह्न"; स्रद्मह्य क्द्मब्द्यद्ध] क्द्यड्डह्ह्न"क ठ्ठष्टष्ख्] श्चद्मद्बब्ख्द्य ह्स्नद्मद्म ष्द्मह्&ष्द्मह् द्बद्भ द्ध[द्मह्व क्द्मस्द्भ म्द्मह्नष्ट/द्म द्दद्मह्यह्वह्य शद्मब्ह्य रुश॥द्मद्मश स्रद्म ष्ह्वद्म ठ्ठह्यह्द्ध द्दस््न द्वद्यद्यह्य स्रद्मह्यर्ड्ढं ॥द्मद्ध ष्ह्यफ्द्मद्भ ब्ह्य द्यस्रह्द्म द्दस्] क्चफ् द्यस्रह्द्म द्दस््न द्गह्व द्गह्यड्ड शस्द्यद्म ह्व स्रद्भह्वह्य स्रद्ध ष्द्मह् द्भद्दह्ह्य द्दह्न, ॥द्मद्ध ड्ढस्रद्मद्भ स्रद्भह्वह्य स्रद्ध द्धद्दश्वद्गह् ह्वद्दद्धड्ड द्दद्मह्यह्द्ध ह्द्मह्य द्यद्मद्गह्वह्य शद्मब्ह्य स्रद्म क्द्मफ्भ्द्द कद्मब्ह्ह्य ह्वद्दद्धड्ड ष्ह्वह्द्म द्दस््न

ड्ढद्य द्बभ्स्रद्मद्भ स्रह्य ठ्ठष्टष्ख्द्बह्व स्रह्य क्द्धह्द्धद्भष्ठह् क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध द्धशस्रक्वद्धह् द्व)ह् ष्ह्वस्रद्भ ॥द्मद्ध द्व॥द्मद्भह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ शद्द ,ह्यद्यह्य स्रक्वक्र; स्रद्भह्वह्य स्रद्मह्य द्वस्रद्यद्मह्द्ध द्दस्] द्धह्लद्यद्यह्य द्धस्र ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्म /;द्मह्व क्द्बह्वद्ध क्द्मह्यद्भ क्द्मस्रद्ध"र्द्मंह् द्धस्र;द्म ह्लद्म द्यस्रह्य] द्धशद्ध/द्मशह्− क्द्यद्म/द्मद्मद्भ.द्म ष्ह्वह्वह्य स्रह्य द्धब्, ह्द्मह्य क्द्मश';स्र द्दस् द्धस्र ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रद्म द्यद्गफ्भ् द्धह्वद्गर्द्मं.द्म द्धस्र;द्म ह्लद्म; क्द्मस्द्भ द्वद्यह्य क्द्मक्रद्गद्धश'शद्मद्य द्यह्य द्यश्वद्बह्व ष्ह्वद्म;द्म ह्लद्म,्न स्रद्दह्वद्म ह्वद्दद्धड्ड द्दद्मह्यफ्द्म द्धस्र ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रद्म द्यद्गफ्भ् द्धह्वद्गर्द्मं.द्म स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, क्द्मठ्ठ'र्द्मंशद्मठ्ठद्ध फ्द्धह्द्धशद्ध/द्म;द्मँ क्द्बह्वद्मह्वह्य स्रद्म द्यद्मद्दद्य ह्लह्नंकद्मह्वद्म द्बरु+ह्द्म द्दस् ह्स्नद्मद्म द्वद्य द्गद्मफ् द्बद्भ श्चब्ह्ह्य द्दह्न, छ्वह्य"क्च द्बद्धद्भ.द्मद्मद्गद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्बभ्द्मढ्ढह् स्रद्भह्वह्य स्रद्ध द्बभ्द्धह्म्द्मद्म स्रद्भ द्यस्रह्य] ड्ढद्य रुह्द्भ स्रद्म /द्मर्स्; ह्लह्नंकद्मह्वद्म द्बरु+ह्द्म द्दस््न क्द्मक्रद्गद्धश'शद्मद्य द्यह्य द्भद्धद्दह्] क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ह्र;द्मद्ध/द्म द्यह्य फ्भ्रुह् ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ,ह्यद्यद्म द्यद्मद्दद्य क्द्मस्द्भ /द्मर्स्; ह्लह्नंकद्मह्वह्य स्रद्ध द्यद्मद्गर्स्न; स्रद्दद्मँ द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्यद्मह्य शद्द द्व)ह् क्द्मश्चद्भ.द्म स्रद्भस्रह्य द्दद्ध ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य क्द्बह्वद्ध क्द्मह्यद्भ क्द्मस्रद्ध"र्द्मंह् स्रद्भह्वह्य स्रद्ध द्भद्धद्धह्&ह्वद्धद्धह् क्द्बह्वद्म ब्ह्यह्द्म द्दस््न ;द्मह्यड्ड ड्ढद्य ह्द्भद्द स्रद्ध फ्द्धह्द्धशद्ध/द्म;द्मँ क्द्बह्वद्मह्वह्य क्द्मस्द्भ क्द्बद्भद्म/द्म स्रद्भह्वह्य द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध द्धद्दश्वद्गह् स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म द्बरु+ह्द्ध द्दस् द्यद्म ड्ढद्य द्भद्मरुह्ह्य द्यह्य ह्लंघठ्ठद्ध द्यक्तब्ह्द्म द्धद्गब्ह्ह्य ठ्ठह्य[द्मस्रद्भ द्दद्धह्वह्द्मफ्भ्रुह् ह्र;द्धष्ठह् ,ह्यद्यह्य ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्म द्यद्मस्नद्म <ख्<+ह्द्म क्द्मस्द्भ द्यड्ड; स्रद्भह्द्म द्दस् ह्लद्मह्य ड्ढद्दद्धड्ड स्रह्नस्रक्वक्र;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्यड्डब्गह्व द्दस्ड्ड्न ,ह्यद्यह्य क्द्मशद्मद्भद्म ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्म द्यद्मस्नद्म द्बद्म ब्ह्यह्वह्य स्रह्य ष्द्मठ्ठ द्वद्यद्गह्यड्ड क्द्बद्भद्म/द्म स्रक्वक्र;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य स्रद्भह्वह्य स्रद्म ठ्ठह्नरुद्यद्मद्दद्य ॥द्मद्ध द्वक्रद्बह्व द्दद्मह्य ह्लद्मह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ ड्ढद्य क्॥;द्मद्य द्यह्य शद्द ॥द्मद्ध फ्ह्न.रुद्मफ्ठ्ठर्द्धं द्गह्यड्ड द्यड्डब्गह्व द्दद्मह्यस्रद्भ .... स्रद्मह्य क्द्मक्रद्गफ्द्मस्द्भश द्यश्वद्बह्व क्ह्वह्न॥द्मश स्रद्भह्वह्य ब्फ्ह्ह्य द्दस्ड्ड्न ;द्दद्ध .... द्वक्कहृक्वड्ड[द्मब् फ्द्धह्द्धशद्ध/द्म;द्मँ क्द्बह्वद्मह्वह्य शद्मब्ह्य क्शद्मड्डहृह्वद्ध; ह्क्रश द्धह्वह्लद्ध .... ब्फ्ह्ह्य द्दस्ड्ड्न ;द्द ष्द्मह् क्ब्फ् द्दस् द्दद्ध ष्ह्नद्भद्ध ह्द्भद्द द्भद्मह्यह्वह्य.... स्रह्य स्रद्मद्भ.द्म शह्य द्यरुह्द्ध .... ह्द्भस्रद्धष् द्यह्य ठ्ठह्नद्दद्भद्म ब्द्म॥द्म द्वक्चद्मह्वह्य स्रद्ध .... स्रद्भह्वह्य ब्फ्ह्ह्य द्दस्ड्ड :द्ब द्गह्यड्ड क्द्बह्वद्म ब्ह्यह्ह्य द्दस्ड्ड क्द्मस्द्भ ष्<+ह्य&श्च<+ह्य क्द्बद्भद्म/द्म .... द्दस्ड्ड्न द्बद्भ द्गख्ब्ह्त्न शह्य द्दद्मह्यह्ह्य क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ॥द्मद्मशह्वद्म स्रह्य द्ध'द्मस्रद्मद्भ द्दस््न

क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म द्दद्ध शद्द स्रद्मद्भ.द्म द्दस् ह्लद्मह्य रुश;ड्ड स्रद्मह्य द्वद्बह्यद्धम्द्मह् द्धह्द्भरुस्रक्वह् क्द्मस्द्भ द्द;ह्य रुह्द्भ स्रद्म क्द्म॥द्मद्मद्य ठ्ठह्यह्द्ध द्दस् द्यद्मस्नद्म द्दद्ध द्वद्य क्द्म॥द्मद्मद्य स्रद्मह्य क्द्ध/द्मस्र ष्ह्व क्चह्व स्रद्भ] द्यद्मह्ल&लद्मड्डक्वफ्द्मद्भ स्रह्य त्त्द्मद्भद्म ठ्ठख्द्यद्भह्य ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्म /;द्मह्व क्द्बह्वद्ध क्द्मह्यद्भ क्द्मस्रद्ध"र्द्मंह् स्रद्भह्वह्य स्रद्ध .... स्रद्भह्द्ध द्दस् ह्द्मद्धस्र ष्द्दह्नह् द्यह्य ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य क्द्बह्वद्ध क्द्मह्यद्भ क्द्मस्रद्ध"र्द्मंह् द्दह्नक्द्म ठ्ठह्य[द्मस्रद्भ द्दह्य; क्द्म॥द्मद्मद्य स्रद्ध ह्र;स्नद्मद्म द्बद्भ क्द्मस्र"र्द्मंस्र द्दद्मह्यह्वह्य स्रद्म द्गद्भद्दद्ग ब्फ्द्म;द्म ह्लद्म द्यस्रह्य्न क्द्ध/द्मस्र ष्ह्व क्चह्व स्रद्भ द्भद्दह्वह्य] द्यद्मह्ललद्मड्डक्वफ्द्मद्भ स्रद्भह्वह्य शद्मब्ह्य ह्र;द्धष्ठह्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्धह्वद्ध'श्चह् :द्ब द्यह्य क्द्ध/द्मस्रद्मड्ड'द्म ,ह्यद्यह्य द्दद्ध द्दद्मह्यह्ह्य द्दस्ड्ड ह्लद्मह्य क्द्बह्वह्य क्द्मद्बस्रद्मह्य द्धह्द्भरुस्रक्वह्] द्वद्बह्यद्धम्द्मह् ,शड्ड द्दह्य; रुह्द्भ स्रद्म द्गद्मह्वह्ह्य द्दस्ड्डड्ड्न ॥द्मब्ह्य द्दद्ध शह्य क्द्बह्वह्य ष्द्मद्भह्य द्गह्यड्ड ष्<+&श्च<+ स्रद्भ ष्द्मह्ह्यड्ड स्रद्भह्ह्य द्दद्मह्यड्ड] क्द्मक्रद्ग द्यड्डरुह्ह्नद्धह् द्यह्य क्?द्मद्मह्ह्य ह्व द्दद्मह्यड्ड द्बद्भ द्गह्व द्गह्यड्ड स्रद्दद्धड्ड ष्द्दह्नह् फ्द्दद्भद्मर्ड्ढं द्गह्यड्ड ;द्द ॥द्मद्मशह्वद्म द्धहृद्बद्ध ठ्ठष्द्ध द्भद्दह्द्ध द्दस््न ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रह्य द्यद्मद्गह्वह्य क्द्ध/द्मस्र क्द्मस्र"र्द्मंस्र द्धठ्ठ[द्मह्वह्य] क्द्गद्धद्भद्ध स्रद्म <द्मह्यड्डफ् द्भश्चह्वह्य क्द्मस्द्भ 'द्मद्मह्व 'द्मद्मस्स्रह् स्रह्य द्धब्, क्द्बह्र;; स्रद्भह्वह्य शद्मब्ह्य ब्द्मह्यफ् द्गख्ब्ह्त्न क्द्मस्द्भद्मह्यड्ड द्बद्भ क्द्बह्वह्य ष्रु+ह्य द्दद्मह्यह्वह्य स्रद्ध हृद्मद्ब द्दद्ध हृद्मह्यरु+ह्वद्म श्चद्मद्दह्ह्य द्दस्ड्ड ,ह्यद्यह्य ह्र;द्धष्ठह् स्रद्ग स्रद्धद्गह् स्रद्ध द्गह्लष्ख्ह् श्चद्धह्लह्यड्ड [द्मद्भद्धठ्ठह्वह्य स्रह्य रुस्नद्मद्मह्व द्बद्भ द्गँद्दफ्द्ध ठ्ठह्नस्रद्मह्वद्मह्यड्ड द्यह्य क्द्ध/द्मस्र द्गख्घ; शद्मब्द्ध द्यद्म/द्मद्मद्भ.द्म शरुह्ह्न, श्चद्मद्भद्धठ्ठह्वद्म ञ्ज;द्मठ्ठद्म द्बद्यठ्ठ स्रद्भह्ह्य द्दस्ड्ड क्द्मस्द्भ ड्ढद्यस्रह्य द्बद्धहृह्य ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रद्मह्यर्ड्ढं स्रद्मद्भ.द्म ह्वद्दद्धड्ड द्दद्मह्यह्द्म्न >ख्क्चह्य ष्रु+ढ्ढद्बह्व स्रद्ध हृद्मद्ब हृद्मह्यरु+ह्वह्य स्रह्य द्धब्, क्द्मद्गठ्ठह्वद्ध द्यह्य क्द्ध/द्मस्र [द्मर्श्चं ॥द्मद्ध द्वद्दह्यड्ड स्रद्भह्वद्म द्बरु+ह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ द्बद्धद्भ.द्मद्मद्गह्त्न ट्ठ.द्मद्मह्यड्ड ष्ह्वह्वद्म द्बरु+ह्द्म द्दस् क्स्नद्मशद्म क्द्मद्धस्नर्द्मंस्र ह्ड्डफ्द्ध स्रद्म द्यद्मद्गह्वद्म स्रद्भह्वद्म द्बरु+ह्द्म द्दस््न

;द्द ह्द्मह्य द्दह्नर्ड्ढं क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ॥द्मद्मशह्वद्म स्रद्मह्य ठ्ठष्द्मह्वह्य] <स्रह्वह्य क्द्मस्द्भ द्वद्यस्रह्य द्धब्, क्रुशद्म॥द्मद्मद्धशस्र क्द्मश्चद्भ.द्म स्रद्भह्वह्य शद्मब्द्मह्यड्ड स्रद्ध द्धरुस्नद्मद्धह््न ड्ढद्य द्गह्वद्मह्यह्र;द्मद्ध/द्म द्यह्य फ्भ्रुह् ह्र;द्धष्ठह्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ,स्र ठ्ठख्द्यद्भह्य द्बभ्स्रद्मद्भ स्रद्म ब्म्द्म.द्म ॥द्मद्ध द्बद्म;द्म ह्लद्मह्द्म द्दस् ह्लद्मह्य क्द्मक्रद्ग?द्मद्मह्] ह्व'द्मह्यष्द्मह्लद्ध क्द्मस्द्भ द्गह्वद्मह्यशह्यफ्द्मह्यड्ड स्रह्य :द्ब द्गह्यड्ड ठ्ठह्य[द्मह्वह्य स्रद्मह्य द्धद्गब्ह्द्म द्दस््न द्धद्बहृब्ह्य द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड क्द्गह्यद्धद्भस्रद्म स्रह्य ,स्र द्गह्वत्न'द्मद्मरु=द्ध द्बभ्द्मह्य- द्दद्मड्ढह्ल द्दद्मक्तह्वंक ह्वह्य क्द्बह्वह्य ,स्र क्/;;ह्व र्द्यशंह्यम्द्म.द्म द्गड्डह्य ;द्द द्बद्म;द्म द्धस्र क्द्मक्रद्गद्दक्र;द्मक्द्मह्यड्ड] ह्व'द्मद्धब्ह्य द्बठ्ठद्मस्नद्मद्मर्ह्यंड्ड स्रह्य द्यह्यशह्व क्द्मस्द्भ क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रह्य स्रद्मद्भ.द्म द्वक्रद्बह्व द्भद्मह्यफ्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड फ्द्दह्व द्यश्वष्/द्म द्दस् ;ह्य द्भद्मह्यफ् ;द्म द्बभ्शक्वद्धनद्म;द्मँ हृख्ह् स्रह्य द्भद्मह्यफ् स्रद्ध ह्द्भद्द द्दस्ड्ड क्द्मस्द्भ द्बद्भरुद्बद्भ ड्ढद्य <ड्डफ् द्यह्य द्यश्वष्) द्दस्ड्ड द्धस्र ,स्र ह्र;द्धष्ठह् ;द्धठ्ठ द्वह्वद्गह्यड्ड द्यह्य द्धस्रद्यद्ध ,स्र द्बभ्शक्वद्धनद्म स्रद्म द्ध'द्मस्रद्मद्भ द्दस् ह्द्मह्य द्वद्यद्गह्यड्ड ठ्ठख्द्यद्भद्ध द्बभ्शक्वद्धनद्म ष्<+ह्वह्य स्रद्ध ष्द्दह्नह् द्यश्व॥द्मद्मशह्वद्म द्भद्दह्द्ध द्दस््न

द्बभ्द्मह्य- द्दद्मक्तह्वंक स्रद्म स्रद्दह्वद्म द्दस् द्धस्र 25 श"र्द्मं स्रद्ध क्द्म;ह्न ह्स्र स्रह्य ;ह्नशस्र ;ह्नशद्धह्;द्मँ द्यष्द्यह्य क्द्ध/द्मस्र क्द्मक्रद्गद्दक्र;द्म स्रद्म द्बभ्;क्रह्व स्रद्भह्ह्य द्दस्ड्ड्न ड्ढद्यद्मह्य क्द्म;ह्न शफ् द्गह्यड्ड द्धरु=;द्मँ द्बह्नप्त"द्मद्मह्यड्ड द्यह्य ठ्ठह्नफ्ह्वद्ध द्यड्ड[;द्म द्गड्डह्य क्द्मक्रद्गद्दक्र;द्म स्रद्भह्द्ध द्दस्ड्ड्न 25 श"र्द्मं स्रद्ध क्द्म;ह्न द्यह्य टद्बद्भ क्द्मस्द्भ 50 श"र्द्मं ह्स्र स्रद्ध क्द्म;ह्न शद्मब्ह्य रु=द्ध द्बह्नप्त"द्मद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ;द्द क्ह्वह्नद्बद्मह् ब्फ्॥द्मफ् ष्द्भद्मष्द्भ द्दस्ड्ड्न द्बभ्द्मह्य- द्दद्मक्तह्वंक क्द्मस्द्भ द्वह्वस्रह्य द्यद्द;द्मह्यद्धफ्;द्मह्यड्ड ह्वह्य ठ्ठह्य[द्मद्म द्धस्र ह्लद्मह्य ब्द्मह्यफ् क्द्मक्रद्गद्दक्र;द्म स्रद्भह्ह्य द्दस् द्वह्वद्गह्यड्ड द्यह्य क्द्ध/द्मस्रद्मड्ड'द्म द्धस्रद्यद्ध ह्व द्धस्रद्यद्ध ह्व'द्मद्धब्ह्य द्बठ्ठद्मस्नर्द्मं स्रद्म द्यह्यशह्व स्रद्भह्ह्य द्भद्दह्य द्दस्ड्ड्न क्द्मक्रद्ग द्दह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रह्य द्बद्मद्धद्भशद्मद्धद्भस्र क्द्मस्द्भ द्यद्मद्गद्मद्धह्लस्र द्बद्धद्भशह्य'द्म स्रद्म क्/;;ह्व स्रद्भह्वह्य स्रह्य ष्द्मठ्ठ द्बद्म;द्म फ्;द्म द्धस्र ड्ढह्व द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड क्द्मक्रद्गद्दक्र;द्म स्रद्भह्वह्य शद्मब्ह्य ब्द्मह्यफ् क्द्बह्वह्य क्द्मद्बस्रद्मह्य ,स्रद्मड्डस्रद्ध द्वद्बह्यद्धम्द्मह् क्द्मस्द्भ क्स्रह्यब्द्म क्ह्वह्न॥द्मश स्रद्भह्ह्य स्नद्मह्य क्द्मस्द्भ द्वद्दद्धड्ड द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ,ह्यद्यह्य ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्ध क्द्मह्यद्भ क्द्मस्रद्ध"र्द्मंह् द्दद्मह्य ह्लद्मह्ह्य स्नद्मह्य] ह्लद्मह्य द्धस्रद्यद्ध ह्व द्धस्रद्यद्ध द्गद्मठ्ठस्र द्बठ्ठद्मस्नर्द्मं स्रद्म द्यह्यशह्व स्रद्भह्ह्य स्नद्मह्य्न

क्द्गह्यद्धद्भस्रद्ध क्द्मस्द्भ द्धष्भ्द्धंक'द्म शस्य़द्मद्धह्वस्र द्यद्धश्वद्गद्धब्ह् :द्ब द्यह्य क्द्बह्वह्य ,स्र 'द्मद्मह्य/द्म र्द्यशंह्यम्द्म.द्म द्गह्यड्ड ड्ढद्य द्धह्व"स्र"र्द्मं द्बद्भ द्बद्दह्नँश्चह्य द्दस्ड्ड द्धस्र द्गद्मठ्ठस्र ठ्ठभ्ह्र;द्मह्यड्ड स्रद्म क्द्मठ्ठद्ध ह्र;द्धष्ठह् 'द्मद्ध?द्मभ् द्दद्ध क्द्बह्वह्य द्यश्वद्बर्स्रं द्गह्यड्ड क्द्मह्वह्य शद्मब्ह्य ह्व;ह्य ह्र;द्धष्ठह् स्रद्मह्य क्द्बह्वह्य ह्लस्द्यद्म द्दद्ध ष्ह्वद्म ब्ह्यह्द्म द्दस््न द्गह्लह्य स्रद्ध ष्द्मह् ह्द्मह्य ;द्द द्दस् द्धस्र रुश;ड्ड स्रद्मह्य ,स्रद्मड्डस्रद्ध] द्वद्बह्यद्धम्द्मह् क्द्मस्द्भ क्स्रह्यब्द्म क्ह्वह्न॥द्मश स्रद्भह्वह्य शद्मब्ह्य ह्र;द्धष्ठह् द्दद्ध ,ह्यद्यह्य ह्व'द्मह्यष्द्मह्ल स्रद्ध क्द्मह्यद्भ ह्लंघठ्ठद्ध क्द्मस्रद्ध"र्द्मंह् द्दद्मह्यह्द्म द्दस् ह्स्नद्मद्म द्वद्य द्बद्धद्भशह्य'द्म द्गह्यड्ड क्द्बह्वह्य स्रद्मह्य द्यह्नद्भद्धम्द्मह् क्ह्वह्न॥द्मश स्रद्भह्वह्य ब्फ्ह्द्म क्स्नद्मशद्म क्द्मक्रद्ग द्धशरुद्गद्भ.द्म स्रह्य फ्द्दह्व क्/द्मस्रद्मद्भ द्गह्यड्ड रुख्ष् ह्लद्मह्द्म द्दस््न ;द्द ॥द्मद्ध ठ्ठह्य[द्म फ्;द्म द्दस् द्धस्र द्गद्मठ्ठस्र द्बठ्ठद्मस्नद्मद्मर्ह्यंड्ड स्रद्ध क्द्मह्यद्भ द्बभ्द्म;त्न ,ह्यद्यह्य ;ह्नशस्र ;ह्नशद्धह्;द्मँ द्दद्ध क्द्ध/द्मस्र क्द्मस्रद्ध"र्द्मंह् द्दद्मह्यह्ह्य द्दस्ड्ड] द्धह्लद्दह्यड्ड द्गद्मह्द्म&द्धद्बह्द्म द्यह्य ॥द्मद्भद्बख्द्भ रुह्वह्यद्द ह्वद्दद्ध द्धद्गब्द्म द्दस् क्स्नद्मशद्म ह्लद्मह्य द्बभ्द्म;त्न द्वद्बह्यद्धम्द्मह् द्भद्दह्य द्दस्ड्ड्न ष्श्चद्बह्व द्गह्यड्ड ड्ढद्य द्बभ्स्रद्मद्भ द्वद्बह्यद्धम्द्मह् द्भद्दह्वह्य शद्मब्ह्य ह्र;द्धष्ठह्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्धश्चह्द्मह्लह्वस्र :द्ब द्यह्य क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ॥द्मद्मशह्वद्म द्बद्मर्ड्ढं ह्लद्मह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ द्बभ्द्म;त्न ;द्दद्ध ब्द्मह्यफ् ह्लद्धशह्व द्गह्यड्ड द्बस्नद्म॥द्मभ्"क द्दद्मह्यह्ह्य द्दस्ड्ड्न

क्द्बह्वह्य द्यशर्ह्यंम्द्म.द्म द्यह्य द्बभ्द्मढ्ढह् द्धह्व"स्र"द्मद्मह्यर्ड्डंड्ड स्रह्य क्द्म/द्मद्मद्भ द्बद्भ द्बभ्द्मह्य- द्दद्मक्तह्वंक ह्वह्य द्बभ्द्धह्द्बद्मद्धठ्ठह् द्धस्र;द्म द्दस् द्धस्र द्धह्लह्ह्वह्य ब्द्मह्यफ् ठ्ठद्धद्भठ्ठभ्ह्द्म] ष्ह्यस्रद्मद्भद्ध] द्बद्मद्धद्भशद्मद्धद्भस्र स्रब्द्द] क्द्यक्तब् द्बभ्ह्यद्ग] द्धह्वद्भद्म'द्मद्म] द्दह्द्म'द्मद्म क्द्मस्द्भ क्द्यद्म/; ष्द्धद्गद्मद्भद्ध क्द्मद्धठ्ठ स्रद्मद्भ.द्मद्मह्यड्ड द्यह्य क्द्मक्रद्ग?द्मद्मह् स्रद्भह्ह्य द्वद्यद्यह्य ॥द्मद्ध क्द्ध/द्मस्र क्द्मक्रद्ग?द्मद्मह् शह्य ब्द्मह्यफ् स्रद्भह्ह्य द्दस्ड्ड ह्लद्मह्य क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध द्गद्दद्मह्र;द्मद्ध/द्म द्यह्य फ्भ्रुह् द्भद्दह्ह्य द्दस्ड्ड्न ;द्दद्ध शद्द स्रद्मद्भ.द्म द्दस् द्धह्लद्यस्रद्ध द्बभ्द्धह्द्धय;द्म द्गद्मह्वद्धद्यस्र क्द्यह्ह्नब्ह्व स्रह्य :द्ब द्गह्यड्ड द्बद्धद्भब्द्धम्द्मह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ ब्द्मह्यफ् हृद्मह्यंकद्ध&हृद्मह्यंकद्ध स्रद्धक्चह्वद्मड्ढ;द्मह्यड्ड ;द्म क्द्यक्तब्ह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ष्द्दह्नह् ष्<+द्म&श्च<+द्म स्रद्भ ठ्ठह्य[द्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न ,ह्यद्यह्य ब्द्मह्यफ् द्दद्ध क्द्मक्रद्ग ?द्मद्मह्द्ध स्रठ्ठद्ग द्वक्चद्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न

द्गह्वत्न'द्मद्मद्धरु=;द्मह्यड्ड स्रह्य क्ह्वह्नद्यद्मद्भ क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ॥द्मद्मशह्वद्म क्द्मस्द्भ ॥द्मद्ध ह्व ह्लद्मह्वह्य द्धस्रह्ह्वह्य द्भद्मह्यफ्द्मह्यड्ड स्रद्ध] क्द्मद्ध/द्म ह्र;द्मद्ध/द्म;द्मह्यड्ड स्रद्ध ह्लह्वह्वद्ध द्दस््न क्ह्त्न द्वद्यद्यह्य हृह्नंकस्रद्मद्भद्म द्बद्मह्वद्म द्दद्ध छ्वह्य;रुस्रद्भ द्दस््न द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ष्<+द्म&श्च<+द्म स्रद्भ ठ्ठह्य[द्मह्वह्य स्रद्ध क्द्मठ्ठह् क्द्मस्द्भ क्द्बह्वह्य क्द्मद्बस्रद्मह्य ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रह्य द्यद्मद्गह्वह्य हृद्मह्यंकद्म] द्दह्य;] द्दद्धह्व द्यद्ग>ह्वह्य स्रद्म रुश॥द्मद्मश द्दद्ध क्द्मक्रद्गद्दद्धह्वह्द्म स्रद्ध ह्र;द्मद्ध/द्म स्रद्म द्बभ्द्गह्न[द्म ब्म्द्म.द्म द्दस््न ड्ढद्य ह्र;द्मद्ध/द्म स्रद्मह्य ह्लरु+द्गख्ब् द्यह्य द्धद्गंकद्मह्वह्य स्रद्म द्वद्बश्चद्मद्भ द्यह्न>द्मह्ह्य द्दह्न, द्गह्वत्न'द्मद्मरु=द्ध स्रद्दह्ह्य द्दह्यड्ड द्धस्र द्बभ्क्र;ह्यस्र ह्र;द्धष्ठह् स्रद्मह्य द्वद्धश्चह् क्द्मस्द्भ क्ह्वह्नद्धश्चह् स्रद्म क्ह्द्भ स्रद्भह्वद्म क्द्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न ,ह्यद्यह्य ब्द्मह्यफ् क्द्बह्वह्य क्द्मद्ब द्गह्यड्ड ड्ढह्ह्वद्म द्यद्मद्दद्य द्यँह्लद्म,ह्य द्धस्र ह्लद्मह्य द्यद्दद्ध द्दस् द्वद्यद्ध स्रद्मह्य क्द्बह्वद्म;ह्यड्ड क्द्मस्द्भ ह्लद्मह्य फ्ब्ह् द्दस् द्वद्यद्यह्य रुद्ब"क ड्ढह्वस्रद्मद्भ स्रद्भ द्यस्रह्यड्ड्न द्यद्दद्गह् द्दद्मह्यह्वद्म क्द्मस्द्भ द्दद्मँ स्रद्दह्वद्म क्क्कहृद्ध ष्द्मह् द्दस् द्बद्भ शद्द ड्ढह्ह्वद्ध क्क्कहृद्ध ष्द्मह् ह्वद्दद्धड्ड द्दस् द्धस्र ;द्धठ्ठ स्रद्मह्यर्ड्ढं ष्द्मह् क्ह्वह्नद्धश्चह् ब्फ् द्भद्दद्ध द्दस् क्द्मस्द्भ क्ह्वह्नद्धश्चह् ब्फ्ह्वह्य स्रह्य द्ब;र्द्मंढ्ढह् स्रद्मद्भ.द्म द्दस् ह्द्मह्य ॥द्मद्ध द्दद्मँ द्धस्र;द्म द्दद्ध ह्लद्म; क्द्मस्द्भ द्यद्दद्गह् द्दह्नक्द्म द्दद्ध ह्लद्म;्न रुद्ब"क :द्ब द्यह्य] द्धह्वरुद्यड्डस्रद्मह्यश्च ॥द्मद्मश द्यह्य क्रुशद्धस्रद्मद्भ स्रद्भह्वह्य स्रद्ध द्धद्दश्वद्गह् ॥द्मद्ध द्भ[द्मह्वद्ध श्चद्मद्धद्द, द्धस्र द्दद्भ द्यद्दद्ध फ्ब्ह् ष्द्मह् द्गह्यड्ड द्दद्मँ&द्दद्मँ स्रद्भह्ह्य द्भद्दह्वह्य द्यह्य ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रद्ध ठ्ठक्वद्ध"क द्गह्यड्ड क्द्बह्वह्य ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रद्म शह्लह्व ?द्मंक ह्लद्मह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ क्द्मक्रद्गफ्द्मस्द्भश स्रद्मह्य क्चह्यद्य द्बद्दह्नँश्चह्द्ध द्दस् शद्द ह्द्मह्य क्ब्फ् द्दद्ध्न

द्धशस्रद्धद्यह् क्द्मस्द्भ द्बद्धद्भ"स्रक्वह् ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रद्म क्स्नर्द्मं द्दस् क्द्बह्वद्ध द्गद्म;ह्द्म स्रद्मह्य रुद्ब"क द्धस्रह्ह्न ह्वद्गभ् क्द्मस्द्भ द्यह्ह्नद्धब्ह् 'द्मष्टठ्ठद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ह्र;ष्ठह् स्रद्भ द्बद्मह्वद्म्न ह्लद्मह्य ,ह्यद्यद्म ह्वद्दद्धड्ड स्रद्भ द्बद्मह्ह्य शद्द क्द्बह्वद्म द्गख्घ; क्द्मद्ब द्दद्ध द्धफ्द्भद्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न

क्द्बह्वह्य ष्द्मद्भह्य द्गह्यड्ड ;द्द स्र॥द्मद्ध ह्वद्दद्धड्ड द्यद्मह्यश्चह्वद्म श्चद्मद्धद्द, द्धस्र द्गस्ड्ड स्रह्नहृ ह्वद्दद्धड्ड द्दख् ष्द्धंघस्र ;द्द द्गद्मह्वह्वद्म श्चद्मद्धद्द, द्धस्र द्गस्ड्ड ॥द्मद्ध ड्ढद्य द्यड्डद्यद्मद्भ स्रद्म ,स्र द्गद्दक्रशद्बख्.र्द्मं ?द्मंकस्र द्दख् द्बद्भद्गद्मक्रद्गद्म स्रह्य ड्ढद्य द्वद्बशह्व स्रद्म ,स्र द्यह्नठ्ठद्भ क्द्मस्द्भ द्वद्ब;द्मह्यफ्द्ध क्द्मश';स्र क्तख्ब् द्दँख् द्धह्लद्यह्य क्द्यद्ग; स्रह्नश्वद्दब्द्मह्वह्य स्रद्म स्रद्मह्यर्ड्ढं स्रद्मद्भ.द्म ह्वद्दद्धड्ड द्दस््न ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रह्य द्बभ्द्धह् क्द्मस्द्भ क्द्बह्वह्य द्बभ्द्धह् ह्द्मह्य द्धश'द्मह्य"द्म :द्ब द्यह्य क्द्बह्वह्य द्धशश्चद्मद्भद्मह्यड्ड द्गद्म;ह्द्मक्द्मह्यड्ड ,शड्ड ॥द्मद्मशह्वद्मक्द्मह्यड्ड स्रद्म द्गख्घ; द्दस््न द्धश'श ॥द्मद्भ द्गह्यड्ड द्यड्डह्र;द्मढ्ढह् क्द्यद्धद्ग ष्ह्नद्ध) श्चह्यह्ह्वद्म क्द्मस्द्भ द्बभ्श्च.रु 'द्मद्धष्ठह् द्यद्मद्गर्स्न; स्रद्म द्वद्ब;ह्नष्ठह् ह्स्नद्मद्म क्द्मश';स्र क्ड्ड'द्म द्बभ्क्र;ह्यस्र द्बभ्द्म.द्मद्ध द्गह्यड्ड] द्बभ्क्र;ह्यस्र ह्र;द्धष्ठह् द्गह्यड्ड द्धशस्त्रद्गद्मह्व द्दस््न क्द्बह्वह्य ॥द्मद्धह्द्भ द्धह्वद्धद्दह् ड्ढद्य 'द्मद्धष्ठह् क्द्मस्द्भ द्यद्मद्गर्स्न; स्रद्मह्य द्बद्दश्चद्मह्वह्वह्य स्रद्ध द्यद्मद्गर्स्न; द्बभ्क्र;ह्यस्र ह्र;द्धष्ठह् द्गह्यड्ड द्दद्मह्यह्वद्ध श्चद्मद्धद्द, क्द्मस्द्भ ह्वद्दद्धड्ड द्दस् ह्द्मह्य द्वद्यस्रद्म द्धशस्रद्मद्य स्रद्भह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न


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