महत्वपूर्ण प्रकाशन

November 1979

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

अध्यात्म का वैज्ञानिक प्रतिपादन साहित्य

प्रस्तुत बुद्धिवादी युग में तर्क, तथ्य, प्रत्यक्ष, प्रमाण एवं विज्ञान को प्रामाणिकता मिली है और शास्त्र, श्रद्धा एवं आप्त वचनों को अमान्य किया गया है। इस मनःस्थिति में पनपने वाले नास्तिकवाद एवं स्वेच्छाचार को निरस्त करने के लिए युग-दृष्टा गुरुदेव की लेखनी से अभिनव युग साहित्य सृजा गया है। प्रत्येक पुस्तक विचारशील वर्ग के लिए अत्यंत प्रेरणाप्रद है।

(1) विवाद से परे ईश्वर का अस्तित्व, (2) ईश्वर कौन है? कहां है? कैसा है? (3) दृश्य जगत के अदृश्य संचालन सूत्र, (4) असीम पर निर्भर ससीम जीवन, (5) चेतना की प्रचंड-क्षमता एक दर्शन, (6) मनुष्य चलता फिरता पेड़ नहीं है, (7) पांच प्राण-पांच देव, (8) दिव्य शक्तियों का उद्भव प्राण शक्ति से, (9) मानवीय क्षमता- असीम अप्रत्याशित, (10) अणु में विभु- गागर में सागर, (11) आत्मा न नर है, न नारी, (12) मानवीय मस्तिष्क विलक्षण कम्प्यूटर, (13) अतीन्द्रिय क्षमताओं की पृष्ठभूमि, (14) जड़ के भीतर विवेकवान चेतन, (15) शरीर की अद्भुत क्षमताएं और विलक्षणताएं, (16) मस्तिष्क प्रत्यक्ष कल्पवृक्ष, (17) क्या धर्म अफीम की गोली है? (18) धर्म और विज्ञान विरोधी नहीं पूरक, (19) विज्ञान को शैतान बनने से रोकें, (20) पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य, (21) स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया, (22) तात्विक दृष्टि से बंधन मुक्ति, (23) मरें तो सही पर बुद्धिमत्ता के साथ, (24) भूत कैसे होते हैं? क्या करते हैं? (25) पितरों को श्रद्धा दें- वे शक्ति देंगे, (26) सपने झूठे भी, सच्चे भी, (27) शब्द ब्रह्मनाद ब्रह्म, (28) आध्यात्मिक काम विज्ञान, (29) जीव-जंतु बोलते भी हैं- सोचते भी हैं, (30) संसार चक्र की गति प्रगति, (31) असामान्य एवं विलक्षण, किंतु संभव और सुलभ, (32) मनुष्य गिरा हुआ देवता या उठा हुआ पशु, (33) दृश्य जगत की अदृश्य पहेलियां, (34) हम सब एक दूसरे पर निर्भर, (35) चेतना का सहज स्वभाव, स्नेह सहयोग, (36) सहृदयता आत्मिक प्रगति के लिए अनिवार्य, (37) बच्चे बढ़ाकर अपने पैरों कुल्हाड़ी न मारें, (38) युग शक्ति गायत्री का अभिनव अवतरण, (39) ब्रह्मवर्चस की ध्यान धारणा, (40) कुंडलिनी महाशक्ति और उसकी संसिद्धि, (41) सर्वोपयोगी गायत्री साधना, (42) गायत्री के पांच मुख-पांच दिव्य कोश।

प्रत्येक की छपाई-सफाई सुंदर। कवर आकर्षक पृष्ठ संख्या 112 मूल्य तीन रुपया। डाक व्यय अलग। पूरे सैट का मूल्य 110 रुपये डाक व्यय मुफ्त।

गायत्री विद्या के अमूल्य ग्रंथ रत्न

हजारों ग्रंथों की खोज, अगणित गायत्री उपासकों के सहयोग एवं चालीस वर्ष की व्यक्तिगत साधना के फलस्वरूप विनिर्मित इन ग्रंथों की एक-एक पंक्ति अनुभव के आधार पर लिखी गई है। गायत्री साधना से समुचित लाभ उठाने के इच्छुकों के लिए यह साहित्य अनुभवी गुरु के समान पथ-प्रदर्शन करता है। इस विषय की सभी जिज्ञासाओं तथा शंकाओं का इन पुस्तकों में समुचित समाधान मौजूद है।

(1) गायत्री महाविज्ञान सजिल्द (प्रथम भाग) (2) गायत्री महाविज्ञान सजिल्द (द्वितीय भाग) (3) गायत्री महाविज्ञान सजिल्द (तृतीय भाग) (4) गायत्री यज्ञ विधान (प्रथम भाग) (5) सामूहिक यज्ञ विधान (द्वितीय भाग) (6) गायत्री चित्रावली (7) गायत्री मंत्रार्थ (8) गायत्री का स्वरूप और रहस्य (9) गायत्री की गुप्त शक्ति (10) सर्व सुलभ गायत्री साधना (11) गायत्री का शक्ति स्रोत- सविता देवता (12) गायत्री और उसकी प्राण-प्रक्रिया (13) गायत्री पंचमुखी और एक मुखी (14) गायत्री की पंचविधि दैनिक साधना (15) गायत्री की विशेष साधनाएं (16) गायत्री मंत्र की विलक्षण शक्ति (17) गायत्री की असंख्य शक्तियां (18) गायत्री की सिद्धियां (19) गायत्री शक्ति का नारी स्वरूप (20) गायत्री स्त्रियों का अधिकार (21) गायत्री और यज्ञोपवीत (22) गायत्री और यज्ञ का संबंध (23) संक्षिप्त गायत्री हवन विधि (24) गायत्री की दैनिक साधना (25) गायत्री चालीसा (26) युग-निर्माण सत्संकल्प

100 रुपये से अधिक पुस्तकें मंगाने पर 25/ कमीशन डाक व्यय अलग से लगेगा।

पुस्तकें मंगाने का पता- अखण्ड-ज्योति प्रकाशन मथुरा।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles