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November 1978

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वेदान्त हिन्दू सभ्यता तथा संस्कृति की पराकाष्ठा है। अपने जीवन को सर्वोच्च और सर्वोत्तम प्रकार से बिताने के विज्ञान और कला को वेदान्त कहते हैं यह वह विचार है जो ज्ञान के संसार को प्रकाशित करता है। वेदान्त कहता है कि तुम यह नश्वर शरीर नहीं हो वरन् सब में व्याप्त अमर आत्मा हो।

-स्वामी शिवानन्द

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