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December 1973

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यदि अभिलाषा करनी है तो निर्मल भजन की कीजिये, समीप रहना तो मालिक के चरणों के समीप रहिये, तथा दूर रहना चाहते हैं तो दुर्जनों और पापियों तथा बुरे संग से दूर रहिये। -श्री राम शर्मा आचार्य


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