स्वभाव और चरित्र का निर्माण(kahani)

December 1973

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महत्त्वाकाँक्षी जो शुआ लेवमेन भावी की रूप रेखा के संदर्भ में अनेकों योजनाएँ बना कर विद्वान युकाची के पास ले गया और उनसे पूछा-वह उन्हें पूरा करने के लिए क्या तैयारी करे?

युकाची ने वह सूची ध्यानपूर्वक देखी और मुस्कराते हुए उसे वापिस लौटा दिया। उनने कहा-बच्चे इन सब योजनाओं से पहली योजना का तो कहीं नाम भी नहीं है और उसके बिना तुम्हारा बढ़-चढ़कर सोचना व्यर्थ है।

जीसुल ने चकित होकर पूछा-भला वह क्या योजना होनी चाहिए? उन्होंने कहा-अपने स्वभाव और चरित्र का निर्माण, जिसके बिना कभी कोई व्यक्ति न बड़ा बन सकता है और न बड़ा काम कर सकता है।


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