सर्वश्रेष्ठ दान (Kahani)

October 1969

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दान की सर्वश्रेष्ठता पर तीन भाइयों में विवाद छिड़ गया। एक धन को सर्वश्रेष्ठ दान कहता था, दूसरा व तीसरा गोदान और भूमिदान को, निर्णय के लिये तीनों पिता के पास पहुँचे। पिता ने कुछ उत्तर न दिया। बड़े लड़के को कुछ धन देकर भेजा। लड़का गया और वह धन मार्ग में खड़े एक भिखारी को दे आया। दूसरे दिन दूसरा गाय लेकर गया, उसे भी वही भिखारी मिला। गाय दान करके वह भी लौट आया। इसी प्रकार तीसरे ने भी उसी भिखारी को भूमि दान में दी और प्रसन्न होकर धर लौट आया।

कुछ दिन के बाद पिता तीनों पुत्रों को लेकर उसी रास्ते से निकला तो देखा वही भिखारी अब भी भीख माँग रहा है। गायें और भूमि बेचकर उसका पैसा भी वह खा चुका था। लड़कों को इस पर बड़ा आश्चर्य हुआ। अब पिता ने समझाया दान सर्वश्रेष्ठ वही है, जिसका सदुपयोग हो, जब तक यह स्थिति न आये ज्ञान-दान ही तब तक सर्वश्रेष्ठ है।


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