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January 1966

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ये युध्यन्ति प्रधनेषु शरासो ये तनूत्यजः। ये वा सहस्त्र दक्षिणास्ताँचिदेवापि गच्छतात्॥

संग्राम में लड़ने वाले वीरों की भाँति आदर्श के लिये प्राण-त्याग करने वाले, अनेक प्रकार के त्याग और दान करने वाले सज्जनों की गति को तू प्राप्त कर।

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