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January 1966

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वीर बनो, कायर नहीं!

कायरता मनुष्य का बहुत बड़ा कलंक है। कायर व्यक्ति ही संसार में अन्याय, अत्याचार तथा अनीति को आमंत्रित किया करते हैं।

संसार के समस्त उत्पीड़न का उत्तरदायित्व कायरों पर ही है। किसी भी राष्ट्र में कारयता का समावेश देखकर ही आक्राँता उसे विजय करने के लिये अग्रसर होते हैं। जिन राष्ट्रों के जनगण अपनी सारी दुर्बलताओं को अपने पैरों तले दबा कर वीर भावों से ओत-प्रोत रहते हैं, उस राष्ट्र की ओर संसार का कोई भी आतताई देखने का साहस नहीं करता और यदि कोई दुःसाहस करता भी है, तो वह अपने समग्र अस्तित्व को मिटा कर मिट्टी में मिल जाता है।

अपनी, अपने सम्मान और अपने राष्ट्र की रक्षा के लिये वीर बनो, बलिदानी बनो और बनो उस लौह-पुरुष की भाँति,जिससे टकरा कर आततायी चूर-चूर हो गये।

—जनरल अवारी


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