आरभन्तेऽल्पमेवाज्ञाः कामं व्यग्रा भवन्ति च।
महारम्भाः कृतधियस्तिन्ठन्ति च निराकुलाः॥
“मूर्ख लोग कोई छोटा सा कार्य आरम्भ करते हैं और उसी में अत्यन्त व्याकुल हो जाते हैं, पर बुद्धिमान बड़े से बड़े आरम्भ करते हैं तब भी शान्त बने रहते हैं और सफल हो जाते हैं।”
भारत के महापुरुष-