समय का मूल्य

April 1941

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(श्री मंगलचंद जी भंडारी, अजमेर)

एक विद्वान का कथन है, कि समय के सिर पर आगे की तरफ बड़े-बड़े बाल हैं, और पीछे की खोपड़ी गंजी है। यदि आगे से उसके बालों को पकड़ लिया जाए तो वश में आ जाएगा और सहायता करेगा। परन्तु यदि उसे चला जाने दिया जाए तो पीछे से उसे किसी प्रकार नहीं पकड़ सकते ।

मनुष्य जीवन में समय ही सबसे मूल्यवान है, जो उसका ठीक प्रकार उपयोग कर लेता है, उसका तो जन्म सार्थक हो जाता है अन्यथा हाथ मलते रहकर पछताना ही शेष रह जाता है। बहुत से लोग इस फिक्र में रहते हैं, कि कोई अच्छा मौका आएगा तो यह काम करेंगे। परन्तु जो समय की कदर नहीं करता वह मौके को भी नहीं पहचान सकता और अपने आलसी स्वभाव के कारण उसे भी गंवा देता है। भाग्योदय के लिए सब से अच्छा यही है, कि अपने जीवन की एक-एक घड़ी उपयोग किया जाए। यदि रोज रोज असफलता मिलती है, तो एक दिन सफलता का अवसर आवेगा।

आस्टले नामक एक बहुत विख्यात डॉक्टर हो गया है। आरंभ में वह बड़ी उम्र तक यों ही था। एक दिन वह बाजार में जा रहा था तो वहाँ क्या है, कि सामने एक लड़का मोटर से गिर गया और उसकी नस टूट गई। खून बहुत आ रहा था। आस्टले ने यों ही उसकी नस बाँध दिया जिससे खून रुक गया और लड़का अच्छा हो इस घटना से उसे उत्साह मिला और चिकित्सा का अध्ययन करने लगा। अन्त में वह एक बड़ा सिविल सर्जन हुआ। संसार में जो भी महापुरुष हुए हैं, उन्होंने अपने जीवन की एक -एक मिनट का ठीक उपयोग किया है। कितने दुख की है, कि हम लोग अपने अमूल्य समय को यों व्यर्थ बातों में गँवाते रहते हैं, और अन्त में सकल जीवन लेकर संसार से कूच कर जाते हैं।


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