प्रेम वह पदार्थ है जो झोंपड़ों में स्वर्ग धाम और खेतों में नन्दन वन की सृष्टि कर देता है।
*****
कठिनाइयाँ सच्ची सहायक हैं क्योंकि वे उस साँचे में हमें ढालती हैं जिसमें से निकला हुआ मनुष्य फौलाद की तरह सुदृढ़ और पुष्प की तरह सुन्दर बन जाता है।
*****
परमात्मा का सच्चा भक्त वह है जो उसकी बनाई हुई सृष्टि को ईश्वरीय भाव से देखता हुआ उसकी उपासना करता है।