Quotation

April 1941

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साहस ऊँचे दर्जे की उदारता है, क्योंकि साहसी पुरुष अपनी बहुमूल्य वस्तुओं को भी मुक्त हस्त से अपने सिद्धान्तों पर निछावर कर सकता है।

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कटीली झाड़ियों में भी जब पुष्प खिलते हैं, तो वे बड़ी नयनाभिराम बन जाती हैं, तुच्छ और नगण्य मनुष्य में भी जब सद्गुणों का समावेश हो जाता है, तो वे महान् पुरुषों की समता करने लगते हैं।


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