ईश्वर भक्ति का मार्ग

April 1941

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(स्वामी रामकृष्ण परमहंस के उपदेश)

जिस प्रकार एक भिक्षुक एक हाथ से सितार बजाता है, दूसरे से ढोलक बजाता है और साथ ही मुँह से भजन भी गाता जाता है, उसी प्रकार ऐ मनुष्यों, तुम अपना कर्त्तव्य कर्म करो किन्तु सच्चे हृदय से ईश्वर का नाम जपना न भूलो।

जिस प्रकार एक व्यभिचारिणी स्त्री घर के काम-काज में लगी होती हुई भी अपने प्रेमी का स्मरण करती है, उसी प्रकार संसार के धन्धों में लगे रहते हुए भी मनुष्यों को ईश्वर का चिंतन दृढ़ता के साथ करते रहना चाहिये।

जिस प्रकार धनियों के घरों की सेविकाएं उनके लड़कों का पोषण करती हैं और अपने खास पुत्रों की तरह उनको लाड़-प्यार करती है किन्तु वे नौकरियों के पुत्र नहीं हो जाते। उसी प्रकार तुम लोग भी अपने को अपने पुत्रों के पोषणकर्ता समझो उनका असली पिता तो वास्तव में ईश्वर है।

जिसको उथले तालाब का स्वच्छ पानी पीना है, उसे हलके हाथ से पानी पीना होगा। यदि पानी कुछ भी हिला तो नीचे का मैल ऊपर चला आवेगा और सब पानी गंदा हो जाएगा, उसी प्रकार यदि तुम पवित्र रहना चाहते हो तो विश्वास और सावधानी के साथ ईश्वर से प्रेम करो। व्यर्थ के विवादों में अपने समय को नष्ट न करो नहीं तो नाना प्रकार की शंका प्रति शंकाओं से तुम्हारा मस्तिष्क गंदा हो जाएगा।

दूसरों की हत्या करने के लिए तलवार और दूसरे शस्त्रों की आवश्यकता होती है, किन्तु अपनी हत्या करने के लिए एक आलपीन ही काफी है, उसी प्रकार दूसरों को उपदेश देने के लिए तो बहुत से धर्म ग्रन्थों और शास्त्रों के पढ़ने की आवश्यकता है किन्तु आत्मज्ञान के लिए एक ही महावाक्य पर दृढ़ विश्वास करना काफी है।

जिस प्रकार पतंग प्रकाश को देखकर फिर अंधेरे में जाने की इच्छा नहीं करता, चींटी चीनी के ढेर में मर जाती है, किन्तु पीछे नहीं लौटती। उसी प्रकार ईश्वर भक्त भी किसी बात की परवाह न करता हुआ परमानन्द की प्राप्ति में अपने प्राणों तक का बलिदान कर देता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118