मनुष्य को देवता बनाने वाली पुस्तकें!

April 1941

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जो ज्ञान युगों के प्रयत्न से मिलता है - उसे हम अनायास ही आपके सम्मुख उपस्थित करते हैं।

यह पुस्तकें बाजारू किताबें नहीं है। इनकी एक-एक पंक्ति के पीछे गहरा अनुभव और अनुसन्धान है। विनम्र शब्दों में हमारा दावा है कि इतना खोज पूर्ण, अलभ्य साहित्य इतने स्वल्प मूल्य में अन्यत्र कहीं भी नहीं मिल सकता।

1.मैं क्या हूँ? - आत्म साक्षात्कार करने के कुछ साधन ।

2.सूर्य चिकित्सा विज्ञान - सूर्य की प्रचंड रोग नाशक शक्ति द्वारा कठिन रोगों की चिकित्सा कीमत 1)

3.प्राण चिकित्सा विज्ञान - मनुष्य शरीर की बीमारियों को बिजली द्वारा अच्छा करना कीमत 1)

4.पर काया प्रवेश - आत्म शक्ति को दूसरे के शरीर में प्रविष्ट करके उसे इच्छानुसार चलाना। कीमत 1)

5.स्वस्थ और सुन्दर बनने की अद्भुत विद्या - आध्यात्मिक सरल साधनों से तन्दुरुस्त और खूबसूरत बनने के उपाय कीमत। 1)

6.मानवीय विद्युत के चमत्कार - शरीर की बिजली से कैसे-कैसे आश्चर्यजनक कार्य होते हैं इसका वैज्ञानिक विवरण। कीमत 1)

7.स्वर योग से दिव्य ज्ञान - स्वरोदय विद्या द्वारा गुप्त और भविष्य की बातों को जान लेना। कीमत 1)

8.भोग में योग - शीघ्र पतन, स्वप्नदोष, नपुँसकता आदि विकारों को योग साधनों से दूर करने की शिक्षा। कीमत 1)

9.बुद्धि बढ़ाने के उपाय - बुद्धि को तीव्र करने, स्मरण शक्ति को उन्नत करने के सरल उपाय। कीमत 1)

10.धनवान और विद्वान बनने के सिद्धान्त - मनुष्य चाहे कैसी ही बुरी परिस्थिति में क्यों न हो, इन उपायों द्वारा धनी और विद्वान बन जाएगा। कीमत 1)

11.इच्छानुसार पुत्र या पुत्री उत्पन्न करना - बन्ध्यापन निवारण और मनचाही सन्तान उत्पन्न करने की विधि । कीमत 1)

12.वशीकरण की सच्ची सिद्धि - ऐसे सद्गुणों की शिक्षा जिनके द्वारा दूसरों के हृदय को जीत कर वश में किया जा सकता है। कीमत 1)

13.मरने के बाद हमारा क्या होता है? - मृत्यु के उपरान्त प्रेत होने, स्वर्ग, नरक में जाने, जन्म लेने आदि की खोजपूर्ण चर्चा । कीमत 1)

14.क्या धर्म? क्या अधर्म? - दार्शनिक, व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टि से धर्म की मीमाँसा। कीमत 1)

15.गहनाँ कर्मणो गति - दुष्ट लोग सुखी और धर्मात्मा दुखी क्यों देखे जाते है? कर्म फल कैसे मिलता है। भाग्य क्या है? आदि का तात्विक दर्शन । कीमत 1)

16.ईश्वर कहाँ है? कौन है? कैसा है? - ईश्वर के स्वरूप और उसकी उपासना का मर्म भेद। कीमत 1)

नं. 8 तक की पुस्तकें छपकर तैयार है। शेष अगस्त सन 41 तक छप कर तैयार हो जाएंगी।

इन पुस्तकों की एक-एक प्रति अपने पास जरूर रखिये ।

पत्र व्यवहार का पता -

मैनेजर - ‘अखण्ड ज्योति’ कार्यालय मथुरा


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