एक महिला किसी विद्वान के पास यह पूछने पहुँची कि वह अपने बच्चे को कब से पाठशाला भेजना आरंभ करें? बच्चे की आयु उसे पाँच वर्ष बताई।
विद्वान ने कहा-तब आपने छः वर्ष की देरी करदी। उसे उसी दिन से पढ़ाना था जिस दिन कि वह गर्भ में आया था। बालक अपने संस्कार गर्भावस्था से ही ढालना आरंभ कर देता है।