बिहार प्रान्त में उत्पन्न हुए कुमार जीव असाधारण प्रतिभावान थे। वह पहले नालन्दा विश्व विद्यालय गये। पीछे तक्षशिला ले गये। वहाँ पढ़ते पढ़ाते रहें।
उनने निश्चय किया कि ईश्वर प्रवृत्त इस विशेष प्रतिभा का प्रयोग धर्म प्रचार में करना चाहिए। उन्होंने संन्यास ले लिया। चीनी भाषा पढ़ी और चीन देश में धर्म प्रचार के लिए चले गये। वहाँ उन्होंने समूचे देश में बौद्ध धर्म का प्रचार किया। जीवनभर वहीं रहें।