प्रिन्स आफ वेल्स हेनरी (kahani)

December 1980

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प्रिन्स आफ वेल्स हेनरी पंचम उन दिनों राजकुमार थे, शासक नहीं बने थे । तबकी बात है-एक न्यायाधीश ने उनके एक सहपाठी मित्र को कारावास की सजा सुना दी, हेनरी पंचम उस समय न्यायालय में ही उपस्थित थे । उन्होंने न्यायाधीश को डाँटकर कहा-यह मेरा मित्र है तुम उसे छोड़ दो ।

उत्तर में न्यायाधीश ने कहा-कानून की दृष्टि में जो अपराधी है यह किसी का भी मित्र क्यों न हो अपराधी है उसे क्षमा नहीं किया जा सकता है ।”

राजकुमार आग बबूला हो उठे और न्यायाधीश को कटु शब्द कहने लगे तो-न्यायाधीश ने सिपाहियों की बुलाकर कहा-’इन्हें भी पकड़कर जेल में डाल दो ।’ सिपाहियों ने आज्ञा का पालन किया राजकुमार भी जेल भेज दिये गये ।

इस बात का पता शासनाध्यक्ष हेनरी चतुर्थ को लगा तो उन्होंने न्यायाधीश को पदोन्नत करते हुये कहा-’जिस देश की न्याय व्यवस्था इस तरह की ही वहाँ कभी अपराध नहीं हो सकते । मुझे अपने लड़के के कैद किये जाने पर हार्दिक खुशी है ।

राजकुमार ने स्वयं भी सबक सीखा और वे इतिहास प्रसिद्ध न्यायशील राजा हुई ।


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