धरती उन्हें भी आश्रय देती है जो उसे खोदते हैं। जहाँ आत्मीयता है वहाँ सताने और अपमानित करने वाले के प्रति भी प्रतिशोध नहीं जागृत होता। -तिरुवल्लुवर