हम अपने बच्चों के लिए बेड़ियाँ नहीं गढ़ सकते, हमें तो उन जंजीरों को तोड़ना है जो पुरानी होते हुए भी सिर्फ जकड़ने का कष्ट भर दे रही हैं। हम तर्क, न्याय और विवेक के पक्षपाती हैं, हम सर्वज्ञ होने का दावा नहीं करते और न यह कहते हैं कि हर समस्या का कारण और समाधान ढूंढ़ लिया है फिर भी हमारा विश्वास है कि औचित्य का अनुशीलन, घिसे-पिटे धर्म सिद्धान्तों को रटते रहने से उत्तम है। हमें देवताओं से डरने की अपेक्षा मनुष्य से प्यार करना बेहतर लगता है।
-इंगरसोल
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