दूसरों पर भरोसा लादे मत बैठे रहो। अपनी ही हिम्मत पर खड़ा रह सकना और आगे बढ़ सकना संभव हो सकता है। सलाह सब की सुनो पर करो वह जिसके लिए तुम्हारा साहस और विवेक समर्थन करे।
—विवेकानन्द