लघु कहानी - अमेरिका के उपराष्ट्रपति

May 1971

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति श्री जैफरसन साधारण पोशाक में किसी नगर के एक होटल में पहूँचे और होटल व्यवस्थापक से निवास के लिए एक कमरे की माँग की। होटल व्यवस्थापक ने उस व्यक्ति को निम्न कोटि का समझकर स्थान देने से मना कर दिया। जैफरसन उसे समय अकेले ही थे। नौकर कोई साथ में था नहीं। अतः अपनी अटैची स्वयं ही उठाकर वे दूसरे होटल में चले गये।

थोड़ी देर बाद एक व्यक्ति ने आकर सूचना दी ‘आपने जिस व्यक्ति को अभी ठहराने से मना कर दिया था वह कोई साधारण व्यक्ति न था, वरन् अपने देश के उपराष्ट्रपति श्री जैफरसन ही थे। अब होटल व्यवस्थापक को काटो तो खून नहीं । वह अपराध पर पश्चात्ताप करने लगा। उसने सोचा उपराष्ट्रपति के साथ ऐसा दुर्व्यवहार हो गया, अब तो न जाने वह क्या दंड देंगे। उसने जल्दी ही अपने नौकर को उनके पीछे-पीछे ही भेजा और कहा ‘तुम माननीय अतिथि से क्षमा माँग कर ससम्मान यहाँ लिवा लाना।’

जैफरसन तब एक दूसरे होटल में ठहर चुके थे उन्होंने नौकर की बात सुन कर जवाब दिया ‘तुम अपने मालिक से जाकर कह देना कि जिस होटल में साधारण से किसान को ठहरने के लिए स्थान नहीं मिल सकता तो फिर वहाँ अमेरिका का उपराष्ट्रपति भी कैसे ठहर सकता है?’


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