एक पिता के चार पुत्र थेे। चारों में प्रायः हमेशा ही झगड़ा बना रहता। इससे उनकी शारीरिक और आर्थिक ही नहीं,बल्कि मानसिक और बौद्धिक अवनति भी होती जा रही थी। यह देखकर पिता बड़ा दुःखी हुआ। पिता ने मरते वक्त अपने पुत्रों को बुलाया और उन्हें एक लकड़ी का गट्ठर दिया और कहा - तोड़ो इसे। लड़कों ने भरसक प्रयत्न किया परन्तु न तोड़ सकें। अन्त में उसने कहा- ‘एक -एक तोड़ो’ ।तब वे बड़े आराम से टूटने लगीं। तब पिता ने कहा-’यदि इस प्रकार मिलकर रहोगे तो कोई तुम्हारा कुछ न बिगाड़ सकेगा। और यदि फूट रही तो इसी प्रकार जैसे लकड़ियाँ क्षण में ही टूट गईं, नष्ट हो जाओगे। उस दिन से लड़के मिलकर रहने लगे।