तुम को दूसरा कोई अच्छा सी सलाह दे, उसको सुनना तुम्हारा कर्तव्य है। परन्तु तुम अपनी आत्मा की सलाह से काम काज करते रहो, कभी धोखा नहीं खाओगे।
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जिसके हृदय में प्रेम है, वह निस्संदेह प्रभु के समीप है। क्योंकि ईश्वर भी प्रेम ही है।
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सोचो, यदि कोई एक दिन में 3 घंटे निरन्तर चलता रहता है, तो सात साल वह इतना चल लेगा, कि जितनी पृथ्वी की परिधि है।
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जो दूसरों के दुर्गुणों को कहता रहता है, वह अपने ही दुर्गुणों को कहता रहता है।