अत्यन्त आवश्यक सूचनाएं!

December 1942

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पाठक, पहले इन पंक्तियों को पढ़ लें, तब आगे का पन्ना खोलें।

1- अगले वर्ष के ग्राहकों को ‘वशीकरण की सच्ची सिद्धि’ नामक छः आना मूल्य की महत्वपूर्ण पुस्तक पाठकों को उपहार देने का निश्चय किया गया है। यह भेंट वे ही प्राप्त कर सकेंगे, जिनका चंदा इसी दिसम्बर मास में प्राप्त होगा। पीछे सुविधा बन्द कर दी जायगी। देर करने वालों को गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी निराश होना पड़ेगा।

2- प्रायः सभी पाठकों का वर्ष जनवरी से शुरू होता है। बीच के महीनों में जो सज्जन ग्राहक बने थे, उन्हें जनवरी 42 से उस मास के पिछले अंक भी भेज दिये गये थे। अब केवल 96 ग्राहक ऐसे रह गये हैं, जिनका वर्ष बीच में ही समाप्त होगा। इन सज्जनों से प्रार्थना है कि या तो वे सन 42 के शेष पिछले अंक मंगाकर अपनी फाइल पूरी करलें या सन् 43 के शेष महीनों का चन्दा भेजें। इस प्रकार एक वर्ष की फाइल उनके पास पूरी हो जायगी और हमें भी इसी में सुभीता रहना है।

3- कागज का मूल्य आठ गुना महंगा हो गया है। पहले जिस किताब में दो पैसे का कागज लगता था, अब उसमें चार आने का लगता है। ऐसी दशा में मूल्य न बढ़ायें तो भी कमीशन देना बिलकुल बन्द कर देने के लिए हमें विवश होना पड़ रहा है एक मास का नोटिस इसके लिए दिया जा रहा है। जो सज्जन हमारी किताबें मंगाना चाहें वे दिसम्बर 42 में ही मंगालें। इस महीने में चौथाई कमीशन दिया जाया। जनवरी 43 से कमीशन देना बन्द कर दिया जायगा।

4- पुस्तकों पर चौथाई कमीशन मिलता है और डाक खर्च ग्राहक के जिम्मे होता है। इस प्रकार छह आने वाली पुस्तकों के कमीशन छह पैसे में से डाक खर्च एक आना कम हो जाता है और साढ़े पाँच आने देने पड़ते हैं। पुस्तक मंगाने वाले सज्जन छह आने की पुस्तकों के लिए साढ़े पाँच आने और पंचाध्यायी के लिए डडडड॥-भेजें।

5- अखंड ज्योति के सन् 40 के 6 अंक सन 41 के कुल 12 अंक व सन् 42 के कुल अंक मौजूद हैं, जो सज्जन मँगाना चाहें दो-आना फी अंक के हिसाब से मंगा सकते हैं। इन पर कमीशन नहीं दिया जाता किन्तु डाक व्यय कार्यालय ही लगा देता है।

6- जिन सज्जनों को अगले वर्ष ग्राहक रहना है उन्हें अपना चन्दा दिसम्बर मास में ही मनीआर्डर से भेज देना चाहिए, जिससे उपहार की पुस्तक प्राप्त हो सके। वी.पी. मंगाने में व्यर्थ ही ।-)अधिक देने पड़ते हैं। जो सज्जन ग्राहक न रहना चाहें वे हमारी प्रार्थना पर तीन पैसे अवश्य खर्च करें, अपने विचार की हमें सूचना अवश्य देदें।

7- पत्र व्यवहार करते समय या चन्दा भेजते समय अपना पूरा पता और ग्राहक नम्बर लिखना न भूलें।

मैनेजर-अखण्ड-ज्योति, मथुरा।


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