कुरान का सन्देश

December 1942

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ला तहसीनल्लजीना कतलू फीसबी लिल्लाहे आवाततन्।

उनको -जो ईश्वर के मार्ग पर बलिदान हुए हैं, मृतक मत समझ।

-सूरये इमान

या अय्युहऽन्नवियुह्रर्रिजल्

मुअमिनीना................विअन्न हुम् कउ- मुल्लाऽयफ्कहून्।

सूरये अन्फाल 250। 9। 5।

हे पैगम्बर! ईमान वालों को युद्ध के लिये उत्तेजित करो कि तुम में से स्थिर रहने वाले बीस भी होंगे तो वह दो सौ पर विजयी होंगे और यदि तुममें से सौ होंगे तो हजार काफिरों पर विजय प्राप्त करेंगे क्योंकि यह काफिर लोग धर्म को समझते ही नहीं।

अल् आना खफ्फफऽल्लाहु अन्कुम् व अलियाख अन्ना फी कुम जुअफऽन........ वल्लाहु मअस्मा बिरीन्

-सूरये अन्फल 2।10। 65

हे ईमान वालों! अब अल्लाह ने तुम पर से भार हलका किया और समझा कि तुम में निर्बलता है, अतः यदि तुम में से सौ सच्चे मनुष्य हों तो वह दो सौ पर विजयी होंगे और तुम में से हजार हों तो वे अल्लाह की आज्ञा से दो हजार पर विजयी होंगे। अल्लाह सच्चों के साथ है।


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