हर एक विपत्ति मनुष्य के साहस की परीक्षा लेने आती है और हर एक दुख ईश्वर के प्रति दृढ़ विश्वास की जाँच करने आता है।
मृत्यु जीवन का अन्तिम अतिथि है इससे डरने का कोई कारण नहीं। दिन भर चलकर थका हुआ पथिक अन्धकारमयी रात्रि की कामना करता है। जिसमें विश्राम करके वह नए उत्साह के साथ नवीन प्रभात में अपने पथ पर अग्रसर हो सके। उसी प्रकार लम्बी यात्रा से थके हुए प्राणियों की मृत्यु का अभिनंदन करना चाहिए।