ऐसी लगन लगायें
ऐसी लगन लगायें, गुरु चरणों में हम ।।
रहें दूर कभी न ,, गुरु चरणों से हम॥
श्रद्धा भक्ति कि ज्योति उर में जलती रहे ।।
सद्ज्ञान कि गंगा मन में बहती रहे॥
ऐसे आशीष मांगे पूज्य गुरुवर से हम॥
कर खुद कि सुधार औरों को भी सुधारें।
गुरु संदेश को जन- जन तक पहुँचायें ॥
प्रेरणा गीत गाते चलें गुरुवर के हम ॥
दीन दुखियों को भी विश्वास दिलायें ।।
सत्य पथ से भटकते जनों को राह दिखायें ॥
करें लोक सेवा निर्मल भाव से हम ॥
गुरु चरणों में हम बन फूल खिलें ।।
दुःख दर्दो में भी हंसते- हसाते रहें॥
कभी हिम्मत न हारें नव सृजन पथ में हम॥
शबरी केवट ग्वालों जैसे प्रेम जगायें ॥
जटायु हनुमान अंगद जैसे साहस जुटायें॥
समर्पण भाव जगायें विवेकानन्द से हम ॥
साधक बन कर रहें शक्ति अर्जित करें ।।
शक्ति संगठित कर असुर नाश करें ॥
देवत्व उतारें धरती स्वर्ग बनायें हम॥