गीत माला भाग-2

उन चरणों को पूजो

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उन चरणों को पूजो
उन चरणों को पूजो जिनने, राहें नयी बनाई है।
चरण जो कि ठोकर खाकर भी हर दम आगे बढ़ते हैं।
चरण जो कि घायल होकर भी, गिरि शिखरों पर चढ़ते हैं।
उन चरणों को पूजो जिनने, अनगिन ठोकर खाई हैं॥
चरण जो कि राहों में भटके, जो दुनिया में घूमें हैं।
चरण जो कि धूली में लिपटे, जिनने कांटे चूमें हैं।
उन चरणों को पूजो जिनकी, गहरी फटी बिवाई है॥
चरण कि जिनने सघन बनों में, अपनी राह बनायी है।
चरण कि जिनने पत्थर में भी, सोती पीर जगाई है।
उन चरणों को पूजो जिनने, मंजिल नई दिखायी है॥
चरण अभय के चिन्ह बनाते, जो कि हवा में उड़ते  है।
चरण जो कि बिन सीढ़ी के ही,आसमान पर चढ़ते है।  
उन चरणों को पूजो जिनने, नभ तक राह बनाई है॥
हर व्यक्ति को संगीत का अभ्यास होना चाहिए भले ही
उसका कण्ठ कितना ही कठोर या रूखा क्यों न हो।

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