ये वक्त न ठहरा है
ये वक्त न ठहरा है, ये वक्त न ठहरेगा।
यूँ ही गुजर जायेगा, घबराना कैसा॥
हिम्मत से काम लेंगे, घबराना कैसा॥
सुख- दुःख तो जीवन में, आते और जाते है।
दुःख पहले आ जाये, तो घबराना कैसा॥
जो आया दुनियाँ में, उसको जाना ही है।
अपने भी चलें जायें, तो घबराना कैसा॥
जब कदम बढ़ाया है, मंजिल मिल जायेगी।
है कदम बढ़ाया मुश्किल, तो घबराना कैसा॥
हम युग सेनानी है, हिम्मत से काम लेंगे।
मंजिल पर नज़र होगी, गुरुवर का नाम लेंगे॥
विपरीत दिशाओं से, फिर घबराना कैसा॥