इसी में मानव का कल्याण।
हम सब मिलकर रहें, एकता की गरिमा लें जान।
सभी मनुज हैं भाई- भाई, यह सब धर्मों की सच्चाई।
आदि पिता भगवान एक है, पंच तत्व निर्माण एक है॥
लाल सभी का रक्त, यह बात लें अब भी पहचान॥
सुख में सब हो जाते विह्वल, दर्द सभी को करता घायल।
प्रेम तृप्ति है सभी जनों की, प्रेम दवा है दुःखी मनों की॥
एक दूजे का दर्द एक हो, एक प्रेम का गान॥
जब- जब यह एकता भुलाई, तब- तब हमने पीड़ा पाई।
है इसका इतिहास साक्षी, मनुज बन गया मानव भक्षी॥
रहें एक घर में नानक, ईसा व राम रहमान॥