उन दिनों घायलों की सेवा एक घृणित कार्य समझा जाता था मर्द डॉक्टर भी कम न थे, फिर महिला डॉक्टर तो बने ही कौन? संसार भर में एक महिला डॉक्टर अमेरिका में रजिस्टर हुई थी। इंग्लैंड के शाही परिवार की लाड़ली एलिजाबेथ नोरथ ने डॉक्टर बनने की हठ ठानी और उसे सभी सम्बन्धियों का विरोध सहते हुये पूरा किया। घर में पैसे की कमी न थी। वह डॉक्टर बनकर व्यवसाय नहीं करना चाहती थी। उद्देश्य मात्र पीड़ितों की सेवा-सहायता करना था। जब उसका निश्चय न बदला, तो प्रधान सर्जन ने उसे पहले नर्स कोर्स कर लेने की शर्त रखी। यह और भी छोटा पद था पर उसने सहर्ष स्वीकार किया और बड़ी आयु में डॉक्टर बन सकी।
एलिजाबेथ की पहली मान्यता प्राप्त डॉक्टर थी। उनके आगे बढ़ने से इस दिशा में बढ़ सकना अन्य लड़कियों के लिए सम्भव हुआ।