कीमती फसलें उगाने के लिए भूमि को विशेष रूप से तैयार करना पड़ता है, संवेदनशील औषधियाँ रेफ्रिजरेटर में ऋतु प्रभाव से बचाकर रखनी पड़ती हैं, ज्यादा बड़ी धनराशि घर में रखनी हो तो सुरक्षा के लिए तिजोरी चाहिए ही। उच्चस्तरीय आत्मबल उगाने, उपलब्ध विभूतियों को संभालकर रखने के लिए परिष्कृत व्यक्तित्व चाहिए और वह सहज ही नहीं मिल जाता, परिश्रमपूर्वक उपार्जित करना होता है। आत्म साधना की उपेक्षा करते हुए भी, अनगढ़ आदतों से, घिनौनी जीवनचर्या से लदे रहते हुए भी, जो आत्मिक प्रगति की उस क्षेत्र की विभूतियाँ अर्जित कर लेने का ‘शार्टकट’ ढूँढ़ते हैं, वे भूल करते हैं। इस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए एक ही सुनिश्चित राजमार्ग है— आत्म साधना का। इसे छोड़कर पगडंडियों में भटकने से थकान, खीज और निराशा के अतिरिक्त और कुछ पल्ले पड़ता नहीं है।