शिक्षा, सम्पदा, बुद्धिमत्ता, समर्थता और वैज्ञानिक उपलब्धियों की दृष्टि से सुसम्पन्न समझे जाने वाले अपने युग का प्रवाह क्रम यही रहा तो यह प्रगतिशीलता अगले दिनों आदिम युग के पिछड़ेपन से भी महंगी पड़ेगी।