भारत सरकार के जन-गणना विभाग से पता चला है कि भारतवर्ष में इस समय सौ वर्ष की आयु वाले मनुष्यों की संख्या 50,000 से अधिक है। महाराष्ट्र प्रदेश में शतायु व्यक्तियों की संख्या अन्य प्रान्तों से अधिक है।
3 सितम्बर 1964 को इलाहाबाद रोटरी क्लब में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डाक्टर वी.एल. अग्रवाल ने अपने भाषण में लोगों को सौ वर्ष तक नीरोग एवं स्वस्थ जीवन जीने का नुस्खा बताया है। उन्होंने अपना अनेकों वर्षों का चिकित्सीय अनुभव एवं अनुसंधानों का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि ‘नियमित व्यायाम करने वाला, संतुलित आहार क्रम अपनाने वाला, चित्त को स्थिर एवं शाँत रखने वाला तथा धूम्रपान न करने वाला व्यक्ति सौ वर्षों तक स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखते हुए आनंदपूर्वक जीवन जी सकता है।’
संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि प्राकृतिक जीवन जीते हुए सादा स्वच्छ और सरल जीवनक्रम अपनाते हुए आसानी से शतायु हुआ जा सकता है तथा स्वस्थ और जवान रहा जा सकता है।