गरम लोहे पर पड़ने से जल की बूँद का नाम भी नहीं रहता, वही कमल के पत्ते पर पड़ने से मोती−सी हो जाती है और वही स्वाति नक्षत्र में सीप में पड़ने से मोती हो जाती है। अधम, मध्यम और उत्तम गुण प्रायः संसर्ग से ही होते हैं।
−भर्तृहरि
----***----