दूसरे को उपदेश देने के बजाय अगर कोई उस समय ईश्वर की आराधना करे तो यही पर्याप्त उपदेश है। जो अपने को स्वतन्त्र करने का प्रयास करता है वही सच्चा उपदेशक है।
-रामकृष्ण,