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September 1967

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हे प्रभु, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपने मुझे सारे दिन ठीक-ठीक चलाया । हे नाथ, रात को मेरी रक्षा कीजिये कि मैं प्रातःकाल का प्रकाश देख सकूँ और मेरे हृदय से सारी बुराई को निकाल दीजिये । मैं ये सारी बातें आपकी कृपा रूप चाहता हूँ।

-एक भक्त


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