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July 1953

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सन्तोषजनक धन की वृद्धि, सब ओर से सहयोग और स्वस्थता ये तीन साँसारिक लाभ उससे होते हैं।

काठिन्यं विविधं चोरं ह्यापदा संहतिस्तथा। शीघ्रं विनाशताँ यान्ति विविधा विघ्नराजयः।

नाना प्रकार की घोर कठिनाई और विपत्तियों का समूह नाना प्रकार के विघ्नों का समूह इससे शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं।

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