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July 1953

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गायत्री चैव वेदाश्च् ब्रह्मण्य तोलिता पुरा। वेदेभ्यश्च चतुर्भ्योऽपि गायत्र्यति गरीयसी॥

प्राचीन काल में ब्रह्मा जी ने गायत्री को वेदों से तोला, तो चारों वेदों से भी गायत्री का पल्ला भारी रहा।

नास्ति गंगा समं तीर्थं न देवः केशवात्परः। गायत्र्यास्तु परं जप्यं न भूतं न भविष्यति॥

गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं, केशव से श्रेष्ठ कोई देवता नहीं और गायत्री से श्रेष्ठ जप न, कोई आज तक हुआ न आगे होगा।

गायत्र्या न परं जप्यं, गायत्र्या न परं तपः। गायत्र्या न परं ध्यानं, गायत्रया न परं हुतम॥

गायत्री से बढ़कर कोई जप नहीं, गायत्री से बढ़कर कोई तप नहीं, गायत्री से बढ़कर कोई ध्यान नहीं, और गायत्री से बढ़कर कोई यज्ञ नहीं है।

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